Monday, November 25"खबर जो असर करे"

राष्ट्रीय मुस्लिम मंच का फैसलाः ईद पर गाय का दान और सेवा का संकल्प, सामूहिक मनाया जाएगा रक्षाबंधन

– राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के अभ्यास वर्ग का समापन, छह संकल्प हुए पारित

भोपाल (Bhopal)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के अनुषांगिक संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (Muslim National Forum) अभ्यास वर्ग के अंतिम दिन रविवार को बड़ा फैसला लिया गया है। ईद उल-अज़हा यानी बकरीद पर गाय का दान और गाय की सेवा का संकल्प दिलाया गया है। वहीं रक्षाबंधन पर सामूहिक राखी त्योहार मनाने का संकल्प भी पारित किया है।

मप्र की राजधानी भोपाल में राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के चार दिवसीय अभ्यास वर्ग (four day practice class) का रविवार को समापन हुआ। समापन सत्र में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार (Indresh Kumar) शामिल हुए। इसमें देश भर से सभी प्रदेश से मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी पहुंचे। इस दौरान मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि इस अभ्यास वर्ग में पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं को छह संकल्प दिलाए हैं।

21 जून को योग दिवस मनाएंगे
इंद्रेश कुमार ने कहा कि 21 जून को योग दिवस है। प्रस्ताव पास किया गया है कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ढाई हजार इकाइयां इसे मनाएंगी। योग किसी मजहब, जाति से नहीं है। दूसरा प्रस्ताव यह पारित हुआ है कि अभी मजहब ए इस्लाम की ईद-उल जुहा आएगा। इसे कई लोग गलती से बकरीद कहते हैं, जबकि अरबी भाषा में बकर शब्द गाय के लिए है। वह गाय की ईद थी, गफलतों में हिंसा की ईद बन गई। दूसरे प्रस्ताव में तय हुआ है कि ईद-उल जुहा पर गाय की सेवा करेंगे। गाय का दान करेंगे। तीसरे प्रस्ताव में घर-घर, गली-गली रक्षा बंधन कार्यक्रम कराएंगे। नारी के सम्मान में 30 अगस्त को रक्षाबंधन को धूमधाम से मनाएंगे। प्रमुख केंद्रो पर 100 से अधिक स्थान पर देश भर में रक्षाबंधन का त्योहार मनाएंगे।

मुस्लिमों को भड़काने वाली ताकतों से बचाने चलेगा अभियान
इंद्रेश कुमार ने कहा कि मुस्लिम को भड़काने वाली ताकतों से बचने के लिए अभियान चलाएंगे। 20 अगस्त से 30 सितंबर तक जनजागरण जनसंपर्क अभियान चलाएंगे। 15 लाख से अधिक परिवारों से संपर्क किया जाएगा। तीन हज़ार से ज्यादा सभाएं होंगी। गाय का रुतबा इस्लाम में इज्जत वाला है। तुलसी (रिहान) को जन्नती झाड़ बताया है। हिंदुस्तान को तालीम युक्त बनाने के लिए देश के अंदर काम करेंगे। 370 को हटाने के लिए 8 लाख 70 हज़ार हस्ताक्षर तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को भेजे गए थे। गौ हत्या रोकने के लिया 10 लाख से अधिक हस्ताक्षर कर तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को दिए थे। 15 अगस्त से हर शुक्रवार को जहां दोपहर की नमाज होगी, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच एक घंटा मैदान में आकर तिरंगा लहराएंगे और एक्सरसाइज कर अंत में राष्ट्रगान करेंगे।

दंगा मुक्त हिंदुस्तान बनाने का काम करेंगे
उन्होंने कहा कि सभी की जड़ें एक हैं। इसलिए कोई भी जाति और मजहब हो, हिंसा नहीं होगी। दंगा मुक्त हिंदुस्तान बनाने का काम करेंगे। हम सब हिंदुस्तान के हैं। सब सामान है। भारतीय, हिंदू, हिंदुस्तानी, इंडियन इसको एक समझना चाहिए। उन्होंने बताया कि इन सभी विषयों पर अभ्यास वर्ग में चर्चा हुई।

प्रेम के नाम पर हत्या और धर्मांतरण किया जाता है
उन्होंने लव जिहाद पर कहा कि अभ्यास वर्ग में चर्चा हुई। लड़का-लड़की रात दो बजे तक बात करके कहते है कि एक दूसरे के बिना जी नहीं सकेंगे। फिर एकदम से हत्या कर दी जाती है। प्रेम और प्यार को धूमिल किया जा रहा है। प्रेम के नाम पर हत्या और धर्मांतरण किया जाता है। ऐसे लोगों ने लव जिहाद किया है। प्रेम एक सुपर सोच है। सचमुच में ये प्यार है या वासना, यह समझना होगा। धोखे में रखकर प्रेम करना फ्रॉड है। प्रेम के नाम पर हत्या, धर्मांतरण को लोगों ने लव जिहाद कह दिया है। प्रेम को प्रेम रहने दिया जाए। उन्होंने कहा कि तीन तलाक कुरान में नहीं है। उन्होंने फिल्मों को लेकर द केरल स्टोरी का उदाहरण देते हुए कहा कि लोग कैसे भड़का रहे हैं। समझने की ताकत पैदा करना जरूरी है।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच 21 साल से चल रहा
उन्होंने कहा कि इस्लाम जगत में आज तक चार दिन की ऐसी वर्कशॉप कभी नहीं हुई। यह यूनिक वर्कशॉप थी, जहां तामसिक नहीं पूरा शाकाहार भोजन था। लहसुन, प्याज तक नहीं था। भोजन मंसाहार मुक्त, शाकाहार युक्त भोजन रहा। उन्होंने कहा कि 20 साल पहले मुस्लिम राष्ट्रीय मंच मुसलमानों की बनाई है। संघ ने नहीं बनाई है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच इस्लाम के बारे में जो गलत धारणाएं है, उनको ठीक करने के लिए बनाई गई है।

कॉमन लॉ हम सबका का प्रोटेक्टर है
यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भी इंद्रेश कुमार ने कहा कि वन नेशन, वन पीपल वन, वन लॉ पर चर्चा हुई। यह क्यों कहा जाता है कि ये मुस्लिमों के लिए खतरनाक है? जैन, पारसी अन्य लोगों के लिये क्यों नहीं। योजनाबद्ध रूप से भड़काया जाता है और हम उसमें आ जाते हैं, कॉमन लॉ हम सबका का प्रोटेक्टर है। उन्होंने कहा कि वन लॉ यूनिटी और वेलफेयर के लिए जरूरी है। वन लॉ किसी को सड़क पर नमाज या हनुमान चालीसा पढ़ने से मना करेगा, ये गलत है।