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मप्रः विधानसभा चुनाव से पहले 25 लाख रुपये बढ़ा विधायकों का स्वेच्छा अनुदान

– मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए की घोषणा

भोपाल। मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इससे पहले विधायकों की स्वेच्छा अनुदान राशि 50 लाख से बढ़ाकर 75 लाख कर दी गयी है। इसमें 25 लाख रुपये की बढ़ोतरी कर दी गयी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए यह ऐलान किया।

मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद अब विधायकों की स्वेच्छा अनुदान राशि 50 लाख से बढ़कर 75 लाख हो जाएगी। चुनाव से पहले स्वेच्छा अनुदान राशि बढ़ने पर विधायकों में खुशी है। प्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि स्वेच्छा अनुदान राशि बढ़ने पर विधायकों को लोगों की मदद करने में सहूलियत होगी। छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में किसी बीमार के इलाज के लिए अनुदान देने में अब आसानी हो जाएगी।

नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह ने भी अनुदान बढ़ाने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि अनुदान बढ़ने से लोगों की मदद करने में अब सहूलियत हो जाएगी। सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है. हालांकि, कांग्रेस विधायक पाची लाल मेडा ने कहा कि सरकार को स्वेच्छा अनुदान की राशि में 50 लाख रुपये की वृद्धि करना चाहिए, ताकि विधायक जरूरतमंदों की जरूरत को पूरा कर सकें।

मुख्यमंत्री चौहान ने राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण पर, उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की विधानसभा की गौरवशाली परंपरा रही है। यह सदन केवल ईंट और गारे का भवन नहीं है, लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है। स्वस्थ आलोचना के हम पक्षधर हैं लेकिन कांग्रेस के प्रदर्शन में हमें गंदी गालियां दी जाती हैं, शालीनता की सारी सीमाएं तोड़ी जाती हैं।

उन्होंने कहा कि यह भारत का अमृत काल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में गौरवशाली, शक्तिशाली, वैभवशाली और संपन्न भारत का उदय हो रहा है। यह वह भारत है, जिसने तुर्किये में भूकंप के बाद सबसे पहले मदद के लिए दस्तक दी। अब तो पाकिस्तान वाले भी कहते हैं काश, हमारे पास भी मोदी जी होते।

उन्होंने कहा कि संत रविदास जी अद्भुत संत थे। सागर के पास ₹100 करोड़ की लागत से उनका भव्य मंदिर बनेगा जिसे पूरी दुनिया देखने आएगी और उनकी शिक्षाओं को ग्रहण करेगी। महाकाल महालोक के कारण उज्जैन की आर्थिक स्थिति बदल गई। ओम्कारेश्वर में आचार्य शंकर का भव्य एकात्म धाम बन रहा है।

उन्होंने कहा कि बेईमानी और भ्रष्टाचार करने वाला कोई बचेगा नहीं। अभी 70 अभियोजन की अनुमति जारी की गई है। 150 प्रकरणों में अनुमति जारी करने की तैयारी हो रही है। भ्रष्टाचार पर हमारी नीति जीरो टॉलरेंस की ही रहेगी। हमने बुलडोजर चलाए माफियाओं पर, दुराचारियों पर, गुंडागर्दी करने वालों पर जबकि कांग्रेस ने भाजपा नेताओं की दुकानें तोड़ीं, स्कूलों पर बुलडोजर चलाया। उन्होंने कहा कि जमीन खरीदने, चुनाव लड़ने या किसी अन्य षड्यंत्र के तहत जनजातीय बेटियों से शादी का जो कुचक्र करेंगे, उनसे सख्ती से निपटा जाएगा। मध्यप्रदेश की धरती पर किसी भी कीमत पर धर्मांतरण नहीं होने देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक अध्ययन में पाया गया है कि नीट के माध्यम से मेडिकल कॉलेजों में प्राइवेट स्कूलों के बच्चों के एडमिशन अधिक होते हैं। हम तय कर रहे हैं कि 5% सीटों पर सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए अलग से मैरिट बनेगी।ताकि गरीब और निम्न मध्यवर्गीय परिवार के बच्चों को मेडिकल में ज्यादा प्रवेश मिल सके।

उन्होंने कहा कि मैंने बचपन से बेटियों के साथ अन्याय होते देखा। कल्पना नहीं थी कि विधायक या मुख्यमंत्री बनूंगा, लेकिन तड़प थी कि बेटियों के सम्मान और समानता के लिए कुछ करना है। जब बतौर मुख्यमंत्री प्रदेश की सेवा का मौका मिला, तो सबसे पहले कन्या विवाह योजना शुरू की, जिससे बेटियां बोझ न समझी जाएं। मध्यप्रदेश में हमने लाडली लक्ष्मी योजना बनाई और इस योजना को देश के लगभग सभी राज्यों ने अपनाया। मुझे खुशी है कि आज प्रदेश की धरती पर 44 लाख से अधिक बेटियां हैं। अब इनकी मेडिकल, इंजीनियरिंग, लॉ आदि की फीस भी भरवाने का हमने फैसला किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती पर गरीबों के कल्याण का अभियान चल रहा है। हमने आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 3 करोड़ 37 हजार से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाकर दिए हैं ताकि उनके इलाज की निःशुल्क व्यवस्था की जा सके। कभी हमारे पास बिजली की स्थापित क्षमता 2900 मेगावाट थी, जो आज बढ़कर 26,000 मेगावाट हो गई है। हम केवल थर्मल पावर प्लांट नहीं लगा रहे, ओंकालेश्वर बांध पर सोलर पैनल बिछाकर भी बिजली बना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमने मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना बनाई और तय किया कि जिन गरीब परिवारों के रहने के लिए जमीन नहीं है, उन्हें आवासीय भूखण्ड ग्रामीण क्षेत्र में दिया जाएगा। 40 हजार भूखण्ड हम बांट चुके हैं और डेढ़ लाख पट्टे बाँटने के लिए तैयार हैं। भोपाल में संत रविदास ग्लोबल स्किल पार्क इस साल बनकर तैयार हो जाएगा। सिंगापुर के सहयोग से स्थापित इस संस्थान से शुरुआती वर्ष में 6000, इसके बाद 10000 कौशल संपन्न युवा निकलेंगे। ग्लोबल स्किल पार्क की स्थापना ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और सागर में भी की जाएगी।

उन्होंने कहा कि मेरे मन में बहनों के और सशक्तिकरण के लिए बेचैनी थी, आज मुझे यह कहते हुए आनंद और प्रसन्नता है कि हमने दुनिया की सबसे बड़ी महिला सशक्तिकरण की योजना मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना बनाई। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के लिए सीएम राइज स्कूल के साथ अब पीएम श्री स्कूल भी खुलेंगे, इसमें बच्चों के लिए शिक्षा की बेहतरीन व्यवस्था के साथ सभी आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। आज मैं गर्व के साथ कह रहा हूं कि चंबल एक्सप्रेस वे, नर्मदा एक्सप्रेस वे पहले से प्रस्तावित था। अब विंध्य एक्सप्रेस वे भी बनाकर हम विंध्य की धरा की तस्वीर बदलेंगे। शानदार सड़कें, मेट्रो, फ्लाईओवर के साथ-साथ अब हम रोप वे भी तेजी से बना रहे हैं। (एजेंसी, हि.स.)