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मप्रः तीन बड़े नगरों में पुलिस के नवाचारों पर कॉन्फ्रेंस में हुए प्रेजेंटेशन, मुख्यमंत्री ने की प्रशंसा

भोपाल (Bhopal)। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Capital Bhopal) सहित प्रदेश के सबसे बड़े नगर इंदौर और भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में पुलिस द्वारा किये गये नवाचारों (Police innovations) के अलग-अलग प्रजेंटेशन बुधवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) और कलेक्टर्स, कमिश्नर्स, एसपी, आईजी के समक्ष कॉन्फ्रेंस के समापन-सत्र में दिए गए। मुख्यमंत्री चौहान ने इन नवाचारों की सराहना की।

भोपाल पुलिस का नवाचार: नई परेड
भोपाल पुलिस आयुक्त कार्यालय द्वारा पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए नई परेड नाम से नवाचार की जानकारी दी । पुलिस कमिश्नर आफिस के डीसीपी (उपायुक्त पुलिस) विनीत कपूर ने प्रजेंटेशन में बताया कि निरंतर डयूटी के कारण पुलिस कर्मी स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाते। इसका परिणाम उनके कार्य स्तर में कमी और चिड़चिड़ेपन के रूप में देखा जाता है। इसका समाधान निकालते हुए प्रति सप्ताह 80 पुलिस कर्मी जिसमें आरक्षक से लेकर एसपी रेंक शामिल है, उन्हें तीन दिन का प्रशिक्षण प्रति सप्ताह दिया जाता है। इसमें विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में कार्य होता है। पैथालॉजी जाँच, बॉडी कम्पोजिशन जाँच और मानसिक स्वास्थ्य के लिए मनोवैज्ञानिक टेस्ट, योगाभ्यास, प्राणायाम, भोजन और आहार नियंत्रण, भावनात्मक बुद्धिमत्ता (इमोशनल इंटेलीजेंस) कार्यशाला के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है। समग्र फिटनेस के लिए जरूरी परामर्श दिया जाता है। अब तक 17 शिविर सम्पन्न हुए हैं। पुलिस कर्मियों ने इसे अत्यधिक लाभकारी बताया है।

मुख्यमंत्री के विचार: पुलिस की नई परेड पुलिस विभाग ही नहीं अन्य विभागों के अधिकारी और कर्मचारियों के लिए भी आवश्यक है। शासकीय सेवक को क्रोध, अवसाद आदि भावनाओं से दूर रहकर शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहना चाहिए। नई परेड ठीक है तो सभी परेड ठीक होंगी।

इंदौर पुलिस का नवाचार: मूक बधिर हेल्प लाइन
कॉन्फ्रेंस में इंदौर नगरीय पुलिस द्वारा मूक बधिर हेल्प लाइन के नवाचार का प्रेजेनटेशन डीसीपी रजत सकलेचा ने दिया। इस नवाचार में अब तक 117 शिकायतें मिली हैं। इनका निराकरण भी किया गया है। देश में अपनी तरह की प्रथम मूक बधिर हेल्प लाइन में 75876-32133 नम्बर पर संपर्क कर मूक बधिर व्यक्तियों को आवश्यक सहायता दी जा रही है। इस नम्बर पर वीडियो कॉल या टेक्स्ट मैसेज कर पुलिस को परेशानी बताई जा सकती है। प्रशिक्षित टीम श्रवण बाधित व्यक्ति की समस्या का समाधान करती है। प्रवासी भारतीय दिवस में इंदौर में विदेशी प्रतिनिधियों ने इस हेल्प लाइन सेंटर का भ्रमण किया। इसे मारीशस में प्रारंभ करने की तैयारी की जा रही है। प्रेजेंटेशन में उदाहरणों द्वारा बताया गया कि किस तरह एक श्रवण बाधित महिला को उसके निकट परिजन द्वारा प्रताड़ित किए जाने की सूचना मिलने पर उसे राहत दिलवाई गई। एक मूक बधिर छात्र ने भी हेल्प लाइन मदद लेने के बाद पुलिस कमिश्नर इंदौर के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया। मूक बधिर बच्चों को साइन लेंग्वेज की मदद से इस हेल्प लाइन की खूबियाँ बताई गई हैं। पीड़ित व्यक्ति वीडियो कॉल से आसानी से शिकायत दर्ज करवा रहे हैं।

मुख्यमंत्री के विचार: इंदौर पुलिस का यह प्रयास सराहनीय है। मूक बधिर लोगों की सेवा के लिए यह एक महत्वपूर्ण पहल है।

उज्जैन पुलिस का नवाचार: महाकाल मंदिर भीड़ प्रबंधन- जन सहयोग
पुलिस अधीक्षक उज्जैन सत्येन्द्र कुमार शुक्ल ने प्रेजेंटेशन में बताया कि उज्जैन में कुछ अवसरों पर काफी अधिक संख्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आगमन होता है। वर्ष 2022 में श्रावण भाद्रपद मास सवारी, महाशिरात्रि पर्व, दीपोत्सव, कार्तिक मास में सवारियाँ, हरिहर मिलन, सोमवती, शनिचरी और भूतड़ी अमावस्या के साथ ही उज्जैन गौरव दिवस और गुड़ी पड़वा के महत्वपूर्ण त्यौहार और आयोजन पर अत्यधिक भीड़ होने के बावजूद इन त्योहारों को पुलिस प्रशासन ने शांति और उत्साह के साथ मनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। श्रावण/भाद्रपद मास सवारी के अंतर्गत सामान्य सवारी मार्ग जिसकी लंबाई साढ़े चार किलो मीटर और शाही सवारी मार्ग जिसकी लम्बाई साढ़े छह किलोमीटर है, इनमें क्रमश: 2 लाख और 5 लाख लोगों का आगमन होता है। दोनों सवारियों में लगभग 100 भजन मंडलियाँ सक्रिय रहीं। भीड़ आकलन के बाद भीड़ प्रबंधन की चुनौती सामने थी। जन-सहयोग और प्रशिक्षित पुलिस बल के माध्यम से भीड़ प्रबंधन कर दिया गया। जो वालंटियर्स तैयार किए गए उन्होंने बेहतर तरीके से व्यवस्था संभाली। महाकाल सवारी व्यवस्था में रस्सा पार्टी व्यवस्था, सीसीटीवी कंट्रोल व्यवस्था, घाट व्यवस्था, प्रेशर प्वाइंट व्यवस्था और हाई राइज बिल्डिंग व्यवस्था के कार्य हुए। सम्पूर्ण सवारी मार्ग को 7 सेक्टर में विभाजित किया गया। श्रीमहाकाल के लोकार्पण और नागपंचमी जैसे अवसरों पर भीड़ प्रबंधन में सफलता मिली। प्रेजेंटेशन में की गई व्यवस्थाओं के वीडियो भी दिखाए गए।

मुख्यमंत्री के विचार: उज्जैन में की गई व्यवस्था सराहनीय है। नागरिकों को इस व्यवस्था का प्रत्यक्ष लाभ मिला है। (एजेंसी, हि.स.)