Friday, November 22"खबर जो असर करे"

मप्र में कोई भी बहन नहीं रहेगी मजबूरः सीएम शिवराज

– मलाजखंड में लाड़ली बहना महासम्मेलन में शामिल हुए मुख्यमंत्री
– 207 करोड़ से अधिक के कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास

भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि प्रदेश में महिला सशक्तिकरण (women empowerment) के लिए अनेक योजनाएँ (many schemes run) संचालित की जा रही हैं। महिलाओं की ज़िंदगी (change the lives of women) बदलकर उनके चेहरे पर मुस्कान (smiles faces) लाना मेरी ज़िंदगी का मक़सद (purpose of my life) है। प्रदेश में कोई भी बहन मजबूर नहीं रहेगी, उन्हें मजबूत बनाएंगे। मैं अपनी बहनों की आँखों में आँसू नहीं आने दूँगा।

मुख्यमंत्री चौहान मंगलवार को बालाघाट जिले के मलाजखंड में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने 207 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का भूमि-पूजन एवं लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री का जनजातीय वर्ग द्वारा पारंपरिक रूप नृत्य एवं वाद्य यंत्र के साथ स्वागत किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व के दशकों में बेटी का जन्म होने पर माता-पिता के चेहरे पर मायूसी दिख जाती थी। साथ ही बेटी की परवरिश, पढ़ाई और विवाह की चिन्ता सताने लगती थी। गरीब वर्ग की इस व्यथा को दूर करने प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना शुरू की गई। महिला सशक्तिकरण के लिए प्रारंभ की गई योजनाओं और कार्यक्रमों से जहाँ बेटियों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण बदला है, वहीं प्रदेश के लिंगानुपात में वृद्धि भी हुई है। बालाघाट प्रदेश के उन ज़िलों में शामिल है, जहाँ लिंगानुपात बहुत अच्छा है। यहाँ बेटा और बेटी को एक समान नज़रिए से देखा जाता है। आज मुझे बहनों से मिले प्रेम और स्नेह से काफ़ी ख़ुशी हो रही है। बेटी की हर एक साँस माता-पिता के लिए होती है वह इन्हें कभी नहीं भूल सकती।

उन्होंने कहा कि मैं आज ख़ुशी से कहता हूँ कि 44 लाख से भी अधिक लाड़ली लक्ष्मी मेरी बेटियाँ है, बेटी बोझ नहीं वरदान है। उन्होंने कहा कि संपत्तियों की रजिस्ट्री अब महिलाओं के नाम पर हो रही हैं। सरकार ने यह फ़ैसला लिया था की स्थानीय निर्वाचन में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाये। इसका असर यह हुआ है कि अब महिलाएँ पंच, सरपंच, पार्षद, जनपद, ज़िला पंचायत अध्यक्ष और सदस्यों के पद पर हैं और वे सरकार चला रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 जून की शाम को लाड़ली बहना योजना की राशि बहनों के खाते में डाली जाएगी। बहनें अगले दिन 11 जून को इस राशि का बैंक आहरण कर सकेंगी। भाई होने के नाते मेरा भी यह फ़र्ज़ है कि मैं अपनी बहनों को कुछ तोहफ़ा दूँ। इसके लिए बहनों के खातों में प्रतिमाह 1000 रुपये की राशि दी जाएगी। इस राशि से बहनें अपनी जरूरत एवं परिवार की आवश्यकताओं को पूरा कर सकेंगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक करोड़ 25 लाख पात्र बहनों के फॉर्म स्वीकृत किए जा चुके हैं। महिलाओं के हित में संचालित योजनाओं की मैदानी स्तर पर निगरानी के लिये हर गाँव में लाड़ली बहना सेना बनाई जा रही है। बड़े ग्रामों में 21 महिला सदस्य एवं छोटे ग्रामों में 11 महिला सदस्य शामिल की जाएगी। कलेक्टर डॉ. गिरीश मिश्रा ने बताया कि ज़िले में 3 लाख 53 हज़ार फॉर्म भरे गये हैं, जिसमें से 3 लाख 41 हज़ार खातों में डीबीटी कार्य पूर्ण हो चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अनेक अभिनव योजनाएँ संचालित हैं। लाड़ली बहना योजना प्रारंभ करने से प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण का कार्य आसान हुआ है। योजना से मिलने वाली राशि से महिलाओं को छोटे-छोटे खर्चों के लिए अन्य लोगों पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। आजीविका मिशन से महिलाओं को जोड़ कर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा रहा है। मेरा संकल्प है कि प्रत्येक बहन की मासिक आय 10 हजार रुपये हो जाये।

मुख्यमंत्री ने लाड़ली बहना सम्मेलन में जनता के बीच जाकर उनका अभिवादन किया। कन्या-पूजन और दीप प्रज्जवलन कर सम्मेलन की शुरूआत हुई। मुख्यमन्त्री ने मलांजखंड महाविद्यालय में स्नातकोत्तर की कक्षाएँ शुरू करने, बाउंड्रीवॉल निर्माण कार्य एवं खेल मैदान का समतलीकरण, मलाँजखंड नगर में डिवाइडर और सौंदर्यीकरण करने की घोषणा की।

घर-घर जाकर वितरित किये स्वीकृति-पत्र
मुख्यमंत्री ने मलांजखण्ड के वार्ड क्रमांक 7 पौनी में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की हितग्राही संतोषी गहरवार, पुष्पा गहरवार, पुष्पा वासुदेवे, किरण मुकुटधारी, देवकी मरकाम, ज्योति राठौर एवं सुकवती धुर्वे के घर जाकर उन्हें स्वीकृति-पत्र प्रदान किये। मुख्यंमत्री ने इस दौरान हितग्राही महिलाओं से उनके परिवार, बच्चों और उनकी आजीविका की जानकारी ली। मुख्यमंत्री के घर पधारने पर महिलाओं ने उनका स्वागत एवं सत्कार किया। घर के दहलीज पर कदम रखते ही महिलाओं ने पुष्प-वर्षा एवं तिलक लगाकर उनका स्वागत किया और अपने भैया शिवराज को राखी भेंट की।

ढाई साल की प्रियंका की बीमारी का इलाज राज्य सरकार कराएगी
मुख्यमंत्री को लाड़ली बहना किरण मुकुटधारी ने बताया कि उसकी ढाई साल की बेटी प्रियंका के बोनमेरो का इलाज कराने में परिवार सक्षम नहीं हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने किरण को आश्वस्त किया कि चिंता न करें, बेटी प्रियंका का इलाज राज्य सरकार करायेगी। उन्होंने नन्ही बालिका प्रियंका को गोद में लेकर स्नेह और आशीर्वाद दिया।

44 लोगों को वन-अधिकार पट्टा वितरित किये
मुख्यमंत्री ने मलांजखण्ड में 44 हितग्राहियों को वन-अधिकार पट्टे वितरित किये। ये हितग्राही 31 दिसम्बर 2005 के पहले से निवासरत थे, लेकिन इन्हें जमीन का मालिकाना हक नहीं था। इन लोगों को आज वन-अधिकार पट्टा देकर एक तरह से उन्हें आवासीय भूमि का मालिक बना दिया गया है। वन-अधिकार पट्टा मिलने से सभी हितग्राही खुश नजर आये। वन अधिकार पट्टा प्राप्त करने वालों में वार्ड 5 के 11 एवं वार्ड 20 के 33 जनजातीय वर्ग के हितग्राही शामिल हैं।