शिवराज मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णय
भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (assembly elections) को देखते हुए राज्य सरकार ने विंध्य क्षेत्र की उपेक्षा और नाराजगी को दूर करने की कोशिश शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में मंगलवार शाम को मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक (cabinet meeting) में रीवा में एयरपोर्ट बनाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए 99 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जाएगी। वहीं, कैबिनेट ने प्रदेश में हुक्का बार लाउंज पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रस्तावित विधेयक का अनुमोदन भी किया गया।
रीवा में विमानतल के लिए भूमि आवंटन
गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि रीवा हवाई पट्टी को विमानतल के रूप में विकसित करने हेतु वर्तमान में उपलब्ध 64 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन को आवंटित की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त आवश्यक 99.615 हेक्टेयर भूमि को राज्य शासन द्वारा अर्जित कर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को दिये जाने का अनुमोदन आज मंत्रिपरिषद द्वारा दिया गया।
हवाई अड्डे हेतु समस्त अधोसंरचना भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा विकसित की जावेगी, जिसके लिये उनके द्वारा कार्ययोजना तैयार की जाकर निर्माण एजेंसी का चयन कर लिया गया है। रीवा हवाई पट्टी को हवाई अड्डे के रूप में विकसित होने के उपरांत ए.टी.आर. जैसे बोइंग विमान की लैण्डिंग हो सकेगी, जिससे रीवा क्षेत्र का आर्थिक एवं पर्यटन आदि को बढ़ावा मिलेगा, इससे आम जनता को सीधे लाभ पहुंचेगा।
सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद पर रोक
उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश राज्य में सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003 का राज्य संशोधन विधेयक 2022 का अनुमोदन किया गया तथा विधानसभा में पुन स्थापित करने से पूर्व माननीय राष्ट्रपति महोदया की पूर्व मंजूरी हेतु गृह मंत्रालय,भारत सरकार को प्रेषित करने की अनुमति प्रदान की गई।
मध्यप्रदेश भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 में संशोधन
गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि मप्र भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 को लागू हुए, अधिक समय व्यतीत हो गया है। इन वर्षों में वैश्विक परिदृश्य में हुए परिवर्तनों एवं नवीन चुनौतियाँ, भारत सरकार द्वारा सामान्य वित्तीय नियमावली 2017 में सामग्री उपार्जन के संबंध में जारी नियमों को संशोधित किया गया है. सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विकास अधिनियम 2006 की धारा 11 में सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के विकास एवं उन्हें सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से वस्तुओं/सेवाओं के उपार्जन में वरीयता संबंधी प्रावधान, वैश्विक एवं स्थानीय आर्थिक परिदृश्य में स्टार्टअप्स का प्रादुर्भाव एवं महत्ता के आधार पर प्रचलित नियमों में संशोधन, विलोपन एवं नवीन प्रावधानों को समाहित करने की आवश्यकता के दृष्टिगत राज्य शासन द्वारा म.प्र. भण्डार कय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित 2022) जारी करने का निर्णय मंत्रि-परिषद द्वारा लिया गया।
उन्होंने बताया कि टेण्डर की शर्तो के विपरीत कार्य होने, सुरक्षात्मक उपाय किए जाना आवश्यक होने, भ्रष्टाचार आदि अनियमिततओं की दोषी फर्मो को ब्लैक लिस्ट किया जावेगा। प्रदेश के ऐसे एम.एस.एम.ई. स्टार्ट अप जिनकी उत्पादन क्षमता इन उत्पादों के लिए शासन की मांग से दोगुना है, उन्हें शत-प्रतिशत क्रय हेतु आरक्षित किया जा सकेगा। मध्यप्रदेश माध्यम,पर्यटन विकास निगम, पाठ्यपुस्तक निगम, इलेक्ट्रानिक विकास निगम,सेडमैप,हेल्थ सर्विस कार्पोरेशन और डेयरी फेडरेशन से बिन निविदा आमंत्रित किए सीधे सेवाओं का उपार्जन किया जा सकेगा।
मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2022
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2022 का अनुमोदन किया तथा विधेयक को विधानसभा में पुरःस्थापित कर पारित कराने की समस्त आवश्यक कार्यवाही करने हेतु राजस्व विभाग को अधिकृत किया। सीमांकन के मामलों के निराकरण के लिए सक्षम अधिकारी तहसीलदार हैं। प्रदेश में राजस्व निरीक्षकों की संख्या सीमित होने और सीमांकन के आवेदनों के त्वरित निराकरण के लिए मध्यप्रदेश भू-राजस्व्संहिता में संशोधन प्रस्तावित है। अब तहसीलदार द्वारा सीमांकन आवेदन पर राजस्व निरीक्षक/नगर सर्वेक्षक के साथ-साथ कस्बा पटवारी की रिपोर्ट भी ली जा सकेगी।
विमुक्त,घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तुक समुदायों के लिए स्वरोजगार योजना 2022-23
मंत्रि-परिषद् द्वारा प्रदेश के विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु समुदाय के व्यक्तियों के आर्थिक एवं सामाजिक उन्नयन के लिए मुख्यमंत्री विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु स्वरोजगार योजना वर्ष 2022-23 की स्वीकृति प्रदान की गई है। विभाग के द्वारा संचालित योजना में योजना 2 भागों में संचालित होगी। विभाग एवं अभिकरण के माध्यम से व्यक्तिगत प्रकरण में 1 लाख रुपये तक का ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। स्व-सहायता समूह होने पर 10 लाख रुपये तक का ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। प्रथम बार लिए गए ऋण 25 प्रतिशत या अधिकतम 20 हजार रुपये (व्यक्तिगत प्रकरण) एवं 2 लाख रुपये (स्व-सहायता समूह) अनुदान। ब्याज दर पर 6 प्रतिशत अनुदान। अभिकरण द्वारा संचालित योजना में आई.टी.आई. द्वारा प्रशिक्षित नवयुवकों को रोजगार हेतु बैंकों के माध्यम ऋण एवं अभिकरण के माध्यम से अनुदान सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। अधिकतम 2 लाख रूपए के व्यक्तिगत श्रणी में प्रकरण स्वीकृत किए जाएंगे। प्रथम बार लिए गए ऋण पर परियोजना लागत का 25 प्रतिशत एवं द्वितीय ऋण पर 20 प्रतिशत अनुदान। प्रथम एवं द्वितीय ऋण पर ब्याज पद पर 6 प्रतिशत अनुदान।
मध्यप्रदेश नगर पालिका विधि (चतुर्थ संशोधन) विधेयक 2022
नगरीय निकायों में आवारा पशुओं पर प्रभावी नियंत्रण के लिये मध्यप्रदेश नगर पालिक विधि (चतुर्थ संशोधन) विधेयक 2022 लाया जा रहा है। उक्त विधेयक में किसी व्यक्ति द्वारा जानबूझकर अथवा उपेक्षापूर्वक किसी मवेशी अथवा अन्य पशु को सार्वजनिक सड़क अथवा स्थान पर खुला छोड़ा अथवा बांधा जाता है, जिसके कारण किसी व्यक्ति को क्षति होती है या संपत्ति को नुकसान होता है या लोक यातायात को बाधा पहुंचती है या संकटापन्न होता है या लोक न्यूसेंस कारित होता है, तो वह राज्य सरकार द्वारा विहित जुर्माने से, जो एक हजार रुपये से अधिक का नहीं होगा, दंडनीय होगा।” प्रस्तावित किया गया है।
अनावश्यक एवं अनुपयोगी विधियों का निरसन
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश में राज्य सरकार अनावश्यक एवं अनुपयोगी और प्रभावहीन विधियों के निरसन लिए प्रतिबद्ध है। अधिनियमित हो जाने पर यह अनुपयोगी एवं प्रभावहीन विधियों को कम करेगा। मध्यप्रदेश निरसन विधेयक, 2022 की अनुसूची में उल्लेखित 05 अधिनियमों का निरसन किया गया है। इसके माध्यम से निम्न 5 अधिनियमों को निरसित किया जाना है, जो पूरी तरह से अप्रचलित, अनावश्यक और महत्वहीन हो चुके है। मध्यप्रदेश बोर्स्टल एक्ट 1928,मध्यभारत लघुवाद न्यायालय अधिनियम 1949, मध्यप्रदेश उद्योग राज्य सहायता अधिनियम 1958, मध्यप्रदेश अश्व रोग अधिनियम 1960, मध्यप्रदेश पशु (नियंत्रण) अधिनियम 1976 है।
मोहसा-बावई में औद्योगिक विकास के लिए भूमि आवंटित की गयी
मंत्रि-परिषद ने औद्योगिक क्षेत्र मोहासा बाबई की भूमि विभिन्न उद्योगों के आवंटन के संदर्भ में निम्नानुसार निर्णय लिया गया है। मोहासा-बाबई में 227.54 एकड़ क्षेत्रफल को भारत सरकार की योजनांतर्गत ऊर्जा एवं नवकरणीय ऊर्जा के उपकरणों के विनिर्माण हेतु आरक्षित किए जाने की अनुमति प्रदान की गई है। मोहासा-बाबई में आवंटन योग्य 2458.686 एकड़ भूमि पर टैक्सटाईल, गारमेंट, खादय प्रसंस्करण एवं अन्य सेक्टर के उद्योगों हेतु भूमि आवंटन किये जाने हेतु अनुमति दी गई है। औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई में प्रतिबद्ध निवेशकों को इकाई स्थापना हेतु विशिष्ट लोकेशन में औद्योगिक भूमि उपलब्धता सुनिश्चित करने के दृष्टिगत म.प्र. राज्य औदयोगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2014 के अंतर्गत भू-आवंटन की ऑनलाईन पद्धति को शिथिल करते हुए, भूखण्डों का आवंटन ऑफलाईन पद्धति से किये जाने का अनुमोदन किया गया है।
निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक
मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) द्वितीय संशोधन विधेयक, 2022 का मंत्रि परिषद् नें अनुमोदन किया। स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय, भोपाल, अभ्युदय विश्वविद्यालय, खरगोन एवं अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, भोपाल विश्वविद्यालयों की स्थापना विधेयक के माध्यम से किये जाने के संबंध में प्रस्तुत द्वितीय संशोधन विधेयक, 2022 को मंत्रि-परिषद द्वारा अनुमोदित किया गया।
अन्य निर्णय
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश सिनेमा (विनियमन) अधिनियम, 1952 की धारा 2. में म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 5 के खण्ड (34-क) में तथा म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 3 के खण्ड (18-क) में समानुदेशित किया गया है। धारा 4 में संशोधन कर नगर पालिक निगम की सीमाओं के भीतर आयुक्त नगर पालिक निगम, तथा नगर पालिका परिषद, नगर परिषद की सीमाओं के भीतर आने वाले क्षेत्रों के लिए जिला मजिस्ट्रेट या जिला मजिस्ट्रेट द्वारा प्राधिकृत कोई कार्यपालिक मजिस्ट्रेट को अनुज्ञप्ति प्रदान करने एवं धारा 7 में प्रावधानित 1,000/- रुपये तक के अर्थदण्ड के स्थान पर 50,000/- रुपये तथा प्रत्येक दिन के लिए जिसमें अपराध जारी रहता है 100/- रुपये के स्थान पर 5000/- रुपये के दण्ड का प्रावधान किया गया है।(एजेंसी, हि.स.)