Friday, September 20"खबर जो असर करे"

मप्रः शिवराज कैबिनेट ने दी सीएम राईज योजना में 678 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति

– 8 नवीन आदर्श स्नातक महाविद्यालय के लिए शैक्षणिक पद स्वीकृत

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बुधवार शाम को मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश के हित में कई अहम निर्णय लिए गए। मंत्रि-परिषद द्वारा जनजातीय कार्य विभाग की 23 सी.एम. राईज योजना के उच्चतर माध्यमिक शाला भवन निर्माण की 678 करोड़ 82 लाख 25 हजार रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति देने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही आठ नवीन आदर्श स्नातक महाविद्यालयों के लिए शैक्षणिक पदों को स्वीकृति की दी गई।

प्रदेश के गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि सीएम राईज योजना में 23 स्कूल भवन निर्माण कार्यों में से 11 कार्यों की निर्माण एजेन्सी परियोजना क्रियान्वयन इकाई, लोक निर्माण विभाग, 06 कार्यों की निर्माण एजेन्सी भवन विकास निगम तथा 06 कार्यों की निर्माण एजेन्सी मध्यप्रदेश पुलिस हाऊसिंग एवं अधो-संरचना विकास निगम को बनाया गया है। साथ ही जनजातीय कार्य को वित्तीय वर्ष के पूँजीगत मद में प्रावधानित बजट से सी.एम. राईज योजना में निर्माण कार्यों को स्वीकृत किये जाने के लिए सूचकांक से मुक्त रखे जाने की अनुमति दी गई।

उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने रूसा परियोजना में दमोह, राजगढ़, बड़वानी, छतरपुर, गुना, खंडवा, सिंगरौली और विदिशा में एक-एक नवीन आदर्श स्नातक महाविद्यालय की स्थापना के लिए प्रस्तावित 336 शैक्षणिक एवं 200 अशैक्षणिक, कुल 536 नवीन पद निर्माण, आवर्ती एवं अनावर्ती व्यय के लिए 12 हजार 658 लाख रूपये की स्वीकृति दी।

मध्यप्रदेश भवन विकास निगम के 211 पदों का अनुमोदन
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश भवन विकास निगम के सुचारू संचालन के लिए 211 पदों के सेटअप को अनुमोदन दिया गया। इसमें पूर्व में स्वीकृत 198 पद की कार्योत्तर स्वीकृति एवं 13 नवीन पदों की स्वीकृति दी गई। निगम में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारियों के वेतन-भत्ते एवं स्थापना व्यय के लिए प्रतिवर्ष 15 करोड़ रुपये का बजटीय अनुदान प्रथम 5 वर्षों के लिए दिये जाने की स्वीकृति दी गई।

मत्स्य-उत्पादन वृद्धि के लिए 100 करोड़ रुपये
मंत्रि-परिषद ने “मुख्यमंत्री मत्स्य-विकास योजना” को आगामी 2 वर्षों (2022-23 एवं 2023-24) के लिए लागू करने का निर्णय लिया। योजना 2 वर्षों में प्रदेश में मत्स्य-पालन को बढ़ावा देने और मत्स्य-उत्पादन वृद्धि के लिए 100 करोड़ रुपये व्यय किया जाएगा।

सिविल विंग के लिए 121 नवीन पदों के सृजन की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद ने चिकित्सा महाविद्यालयों के निर्माण और अनुरक्षण कार्य के लिए सिविल विंग के निर्माण का निर्णय लिया। सिविल विंग का मुख्यालय कार्यालय आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा में तथा 5 उप संभाग कार्यालय भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा में स्थापित किये जाएंगे। इसके संचालन के लिए कुल 121 नवीन पदों के सृजन की स्वीकृति दी है। इस विंग द्वारा 10 करोड रुपये तक की लागत के नवीन निर्माण और भवनों के संधारण का कार्य किया जायेगा।

उचित मूल्य दुकानों की खाद्यान्न व्यवस्थाओं के लिए राशि में वृद्धि
इसके अलावा मंत्रि-परिषद ने उचित मूल्य की दुकानों का खाद्यान्न पर कमीशन, परिवहन व्यय और पीओएस मशीन की अतिरिक्त कमीशन की राशि को बढ़ाने का निर्णय लिया। इसमें नगरीय क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों को खाद्यान्न वितरण पर कमीशन 70 से बढ़ाकर 90 रुपये प्रति क्विंटल, ग्रामीण क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों को 200 से अधिक राशनकार्ड होने एवं पूर्णकालिक विक्रेता होने पर 10 हजार 500 रुपये प्रतिमाह दिया जायेगा। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों को 200 से कम राशनकार्ड होने एवं पूर्णकालिक विक्रेता होने पर 6 हजार रुपये प्रतिमाह और ग्रामीण क्षेत्र की उचित मूल्य दुकान पर अंशकालिक विक्रेता होने पर 3 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जायेगा। इसी प्रकार दुकानविहीन एक हजार 514 पंचायतों में नवीन दुकान खोलने पर खाद्यान्न में कमीशन 6 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा। खाद्यान्न के परिवहन, हेण्डलिंग मद में प्रति क्विंटल राशि 65 से बढ़ाकर 70 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। साथ ही उचित मूल्य दुकानों के पीओएस के लिए अतिरिक्त मार्जिन राशि 17 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 21 रुपये प्रति क्विंटल की गई है। इन सभी पर राज्य सरकार द्वारा नियमित 50 प्रतिशत राशि के अतिरिक्त 52 करोड़ 20 लाख रुपये का प्रतिमाह व्यय किया जाएगा।

“मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत” योजना की अनुमति
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं में “मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत” योजना लागू करने की अनुमति दी। योजना में उद्यम क्रांति योजना के प्रथम चरण में 888 बेरोजगार युवाओं को बैंक ऋण से वाहन उपलब्ध कराया जाएगा। इससे लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं में आवंटित राशन सामग्री को प्रदाय केन्द्र से उचित मूल्य दुकानों तक परिवहन कराया जाएगा।

“फसल अवशेष प्रबंधन” योजना का संचालन
उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने नरवाई जलाने की प्रथा को हत्सोहित करने, कृषि यंत्रीकरण को बढ़ाने और भूमि में नमी का संरक्षण करने के लिए “फसल अवशेष प्रबंधन” योजना को संचालित करने का निर्णय लिया। योजना में उपयोगी शक्ति चलित कृषि यंत्रों को चिन्हित कर कृषकों द्वारा इन्हें क्रय करने पर अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा। लघु, सीमान्त, महिला, एस.सी. और एस.टी. कृषकों को 50 प्रतिशत एवं अन्य कृषकों को 40 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा। योजना का क्रियान्वयन कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय करेगा।

प्राथमिक प्र-संस्करण को प्रोत्साहन योजना
मंत्रि-परिषद ने ग्रामीण युवाओं को बैंक ऋण आधार पर कस्टम प्रोसेंसिंग केन्द्र स्थापना के लिए अनुदान सहायता उपलब्ध कराने के लिये नवीन योजना “प्राथमिक प्र-संस्करण को प्रोत्साहन” को संचालित करने का निर्णय लिया। योजना का क्रियान्वयन कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय करेगा।

हवाई पट्टी के लिए नि:शुल्क भूमि आवंटन
मंत्रि-परिषद ने “रीवा हवाई पट्टी पर ATR-72 टाईप विमानों के परिचालन के लिए Visual Flight Rules (VFR) तथा InstrumentFlight Rules (IFR) विकसित करने, वर्तमान हवाई पट्टी के विस्तार, विकास के लिए तहसील हुजूर में ग्राम उमरी की 1.948 हेक्टेयर, ग्राम चोरहटा की 7.199 हेक्टेयर, ग्राम चौरहटी की 5.391 हेक्टेयर और ग्राम अगडाल की 10.735 हेक्टेयर कुल 25.273 हेक्टेयर अर्थात 61.945 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को निःशुल्क आवंटित करने का निर्णय लिया।

प्रतिपूर्ति सहायता राशि का निर्धारण
मंत्रि-परिषद ने राज्य शासन द्वारा उद्योग संवर्धन नीति 2010/2014 अंतर्गत वृहद श्रेणी के उद्योगों के लिए उद्योग निवेश संवर्धन सहायता/ वेट सीएसटी प्रतिपूर्ति सहायता का प्रावधान किया है। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए जारी शासनादेश 22 जून 2018 में उल्लेखित गणना सूत्र में “विक्रय गणक” की गणना में विक्रय की गई वस्तु के मूल्य के आधार पर वास्तविक सहायता राशि का निर्धारण किया जाये, को स्पष्ट किए जाने का निर्णय लिया गया।

टोल संग्रहण की कार्योत्तर स्वीकृति
मंत्रि-परिषद ने इंदौर-उज्जैन मार्ग (लम्बाई 48.9 कि.मी.) पर म.प्र. सडक विकास निगम द्वारा चयनित एजेंसी के माध्यम से 26 सितम्बर 2034 तक उपभोक्ता शुल्क (टोल) संग्रहण किये जाने की कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की। रियायत अनुबंध निरस्तीकरण के बाद सड़क विकास निगम द्वारा टोल लगाने की कार्योत्तर स्वीकृति दी गई। इंदौर-उज्जैन मार्ग (लम्बाई 48.9 कि.मी.) पर दूरी आधारित मूल टोल दरें प्रभावी किये जाने की स्वीकृति गई।इसके अलावा मंत्रि-परिषद ने विभिन्न सम्पत्तियों के निर्वर्तन का निर्णय लिया। इनमें नर्मदापुरम, ग्वालियर और इंदौर जिले की परिसंपत्तियां शामिल हैं। (एजेंसी, हि.स.)