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मप्रः मिर्ची बाबा सबूतों के अभाव में दुष्कर्म के आरोप से बरी, एक साल बाद जेल से बाहर आएंगे

भोपाल (Bhopal)। एक विवाहित महिला से दुष्कर्म के मामले पिछले एक साल से भोपाल की सेंट्रल जेल में बंद वैराग्यानंद गिरि उर्फ मिर्ची बाबा को बड़ी राहत मिली है। भोपाल के जिला न्यायालय ने उन्हें सबूतों के अभाव में दुष्कर्म के आरोप से बरी कर दिया है। यह फैसला बुधवार को न्यायाधीश स्मृता सिंह की कोर्ट ने सुनाया है।

मामले के अनुसार, मिर्ची बाबा पर रायसेन की 28 वर्षीय महिला ने नशीली भभूति खिलाकर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। महिला का कहना था कि बाबा ने औलाद पैदा करने के नाम पर उसके साथ दुष्कर्म किया था। महिला द्वारा भोपाल के महिला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद मिर्ची बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने मिर्ची बाबा को शहर के कालपी ब्रिज से गिरफ्तार किया और बाद में उसे अगस्त 2022 को भोपाल पुलिस को सौंप दिया था। तभी से बाबा भोपाल की सेन्ट्रल जेल में बंद है।

बचाव पक्ष के वकील श्रीकृष्ण धौंसले ने बताया कि भोपाल जिला अदालत की न्यायाधीश स्मृता सिंह की अदालत में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान अभियोजन पक्ष दुष्कर्म के आरोपों को कोर्ट के सामने साबित नहीं कर पाया। अदालत ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद उन्हें बरी कर दिया।

उल्लेखनीय है कि मिर्ची बाबा 2019 के लोकसभा के चुनाव के दौरान तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने भोपाल संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह की जीत सुनिश्चित करने के लिए मिर्ची का यज्ञ किया था। इसके बावजूद दिग्विजय सिंह चुनाव हार गए थे। इसके बाद मिर्ची बाबा ने जल समाधि लेने की इजाजत भी मांगी थी।