जबलपुर/भोपाल। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने टीकमगढ़ जिला अंतर्गत खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक राहुल सिंह लोधी का निर्वाचन शून्य कर दिया है। न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया। अदालत ने आदेश की प्रति मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग और भारत निर्वाचन आयोग को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। निर्वाचन शून्य होने के साथ लोधी को मिल रहे विधायक संबंधी सभी लाभ रोके जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
दरअसल, याचिकाकर्ता 2018 में खरगापुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर पराजित प्रत्याशी रहीं चंदा सिंह गौर की ओर से भाजपा विधायक का नामांकन पत्र निर्वाचन अधिकारी द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से स्वीकार जाने के अलावा सरकार से अनुबंधित एक निजी ठेका कंपनी से पार्टनरशिप की जानकारी छिपाने का आरोप लगाया गया था। याचिकाकर्ता की ओर से यह आरोप भी लगाया गया था कि पूर्व में जब वे विधायक निर्वाचित हुई थीं, तब लोधी ने उनके विरुद्ध चुनाव याचिका दायर की थी, जिसे 10 हजार रुपये जुर्माने सहित निरस्त किया गया था। हाई कोर्ट के निर्देश के पालन में लोधी को यह राशि गौर को देनी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। चूंकि यह रवैया लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-100 के उल्लंघन की परिधि में आता है, अत: निर्वाचन निरस्त कर दिया जाना चाहिए। इसके अलावा नामांकन पत्र भी दो जमा किए गए थे, जिनमें परस्पर विरोधाभासी जानकारी दी गई थी। ठेका कंपनी से पार्टनरशिप की जानकारी पूरी तरह छिपाने की गलती की गई थी।
उच्च न्यायालय ने सभी तर्क सुनने के बाद अपने आदेश में निर्वाचन अधिकारी द्वारा नियमों के दायरे से बाहर जाकर नामांकन मंजूर करने को लेकर तल्ख टिप्पणी की। इस रवैये को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-134 का उल्लंघन निरुपित किया। (एजेंसी, हि.स.)