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मप्रः रेलवे स्टेशनों पर पीड़ित यात्रियों की मदद के लिए बनाई जाएगी “हेल्प डेस्क”

– मुख्यमंत्री ने नर्मदापुरम संभाग की कानून व्यवस्था की समीक्षा कर दिए निर्देश

भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने शुक्रवार शाम को नर्मदापुरम संभाग की कानून व्यवस्था की समीक्षा (Review of law and order.) की। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि इटारसी और नर्मदापुरम (Itarsi and Narmadapuram.) जैसे बड़े रेलवे स्टेशनों (Big railway stations.) पर पीड़ित यात्रियों की मदद के लिए हेल्प डेस्क बनाई जायेगी। हेल्प डेस्क स्थापित करने के लिए राज्य सरकार बजट उपलब्ध कराएगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रेलवे स्टेशनों पर होने वाले अपराधों की रोकथाम के लिए जीआरपी और मध्य प्रदेश पुलिस समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिये। बैठक में विधायकगण डॉ. सीता शरण शर्मा, ठाकुरदास नागवंशी, विजयपाल सिंह तथा प्रेम शंकर वर्मा और संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक इरशाद वली, नर्मदापुरम, बैतूल एवं हरदा जिले के कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना को पुलिस, होमगार्ड एवं जेल विभाग में पदोन्नति एवं उच्च पद का प्रभार देने की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस थानों के पुर्नसीमांकन तथा युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही की भी समीक्षा की। पुलिस महानिरीक्षक इरशाद वली ने बताया कि कार्यवाही की जा चुकी है और इसका गजट नोटिफिकेशन भी हो चुका है। पुलिस महानिरीक्षक वली ने यह भी बताया कि नर्मदापुरम संभाग के जिलों में अपराधों में लगातार कमी आई है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने धार्मिक स्थलों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग के मामले में कहा कि धार्मिक स्थलों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों के लिए अस्थाई अनुमति दी जाए। उन्होंने नर्मदापुरम संभाग में स्वच्छता अभियान के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने बैठक में कहा कि हरदा जैसे भीषण विस्फोट की घटना की पुनरावृत्ति भविष्य में ना हो, यह सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि गंभीर अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए तथा जघन्य अपराधियों को चिन्हित कर उनकी जमानत निरस्त हो।

मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को अपने-अपने अधीनस्थ कार्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध रोकने के लिए हर संभव प्रयास किये जाएं।

कलेक्टर्स एक सप्ताह में करें जनप्रतिनिधियों के साथ त्रैमासिक बैठक
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सभी कलेक्टर्स अपने-अपने क्षेत्र के जन-प्रतिनिधियों के साथ त्रैमासिक बैठक एक सप्ताह में करें। उसके बाद अगले सप्ताह से संभागीय स्तर पर त्रैमासिक बैठक आयोजित करें, जिससे जिलों में चल रहे विकास कार्य की समीक्षा की जा सके।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को नर्मदापुरम में विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कलेक्टर 23 फरवरी को त्रैमासिक बैठक करें और संभागीय स्तर पर संभाग के प्रभारी एसीएस की उपस्थिति में 24 फरवरी को जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा करें। बैठक में विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा, विजयपाल सिंह, ठाकुरदास नागवंशी, प्रेमशंकर वर्मा एवं डॉ. योगेश पंडाग्रे, चन्द्रशेखर देशमुख भी उपस्थित रहे।

ग्रीष्मकालीन पेयजल प्रबन्धन दूरस्त रहे
मुख्यमंत्री ने कहा कि निकट समय में गरमी के आने के पूर्व पेयजल स्त्रोतों पर ध्यान दें। नल-जल योजना को समय पर पूर्ण करें, जिससे गर्मियों में पेयजल की समस्या का सामना आमजन को नहीं करना पडे। शासन की योजनाएं प्रारंभ होती है, परन्तु इन्हें समय पर पूर्ण करवाना हमारा और आपका दायित्व है।

आमला विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे नें जिले में पटवारियों की कमी का हवाला देते हुए कहा कि एक पटवारी के पास तीन-तीन हलके होने के कारण पटवारी कार्य पर पूरा ध्यान नहीं दे पाते। मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही पटवारियों की पदस्थापना की जाएगी। उन्होंने आयुक्त से जिलों की आवश्यकताओं के लिए जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय कर उनका निराकरण करनें के निर्देश दिए।

भूमिपूजन एवं लोकार्पण की करें तैयारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अपने-अपने क्षेत्र में हो चुके और स्वीकृत विकास कार्यों को सूचीबद्ध कर लें। आचार संहिता के पूर्व ऐसे सभी विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन प्रारंभ करें। लघु एवं छोटे कार्यों का स्थानीय विधायकों से लोकार्पण और भूमिपूजन कराएं।

विभागवार की गई समीक्षा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राजस्व महाअभियान के अंतर्गत लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए विधायकों से पूछा कि आपके जिले में चल रहे राजस्व महाअभियान की जानकारी आपको है क्या? विधायकों द्वारा सहमति दिए जाने पर मुख्यमंत्री ने जिलेवार राजस्व कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा में बंटवारा, नामांतरण एवं सीमांकन के 76 प्रतिशत प्रकरण निराकृत किये गये। पीएम स्वामित्व योजना के तहत 2400 प्रकरण दर्ज किये गये। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, नल-जल योजना, सीएम राइज़, किसान कल्याणस्वरोजगार योजना एवं योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।