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मप्रः 13 मंत्रियों को सरकारी बंगले आवंटित, गृह विभाग ने जारी किए आदेश

भोपाल (Bhopal)। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में डॉ. मोहन यादव कैबिनेट (Dr. Mohan Yadav cabinet) के मंत्रियों को भोपाल में बंगले और मंत्रालय में ऑफिस अलॉटमेंट (Bungalow in Bhopal and office allotment in Mantralaya) का काम तेज हो गया है। शिवराज सरकार में डॉ. मोहन यादव उच्च शिक्षा मंत्री रहते मंत्रालय के जिस ऑफिस में बैठते थे, वह अब स्कूल शिक्षा और परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह को दिया है। वहीं, शिवराज सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री रहे भूपेंद्र सिंह का ऑफिस विजय शाह को दिया गया है।

मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल का गठन होने के 22 दिन बाद 13 मंत्रियों को सरकारी आवास का आवंटन किया गया। इस संबंध में गृह विभाग की तरफ से गुरुवार को जारी आदेश जारी किए। इसमें से अधिकतर मंत्री अभी गेस्ट हाउस में रह रहे थे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को बी-7, सिविल लाइन आवंटित हुआ है। अभी तक प्रहलाद पटेल अपने छोटे पूर्व विधायक जालम सिंह को आवंटित आवास में रह रहे थे।

वहीं, स्कूल एवं परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह सर्किट हाउस में रह रहे थे, उनको 74 बंगला का बी-17 आवंटित किया गया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके एमएलए विश्राम गृह में रह रही थी, उनको बी-12ए, 74 बंगला आवंटित किया गया है। एमएलए विश्राम गृह में रह रही महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया को B-10, 74 बंगला, एमएलए विश्राम गृह में रहे नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला को B-19, 74 बंगला, वन, पर्यावरण एवं अनुसूचित जाति मंत्री नागर सिंह चौहान को B-12B, 74 बंगला आवंटित किया गया है।

इसके अलावा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य कश्यप करे बी-2, काशियाना बंगला। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी को बी-11, 74 बंगला। कुटीर एवं ग्रामोउद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल बी-2, चार इमली। कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री गौतम टेटवाल, सी-1, 74 बंगला। पशुपालन एवं डेरी विकास राज्य मंत्री लखन पटेल सी-14, शिवाजी नगर। सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह बी-11, चार इमली में बंगला आवंटित किया गया है।

चुनाव हारे कई मंत्रियों ने बंगले खाली नहीं किए
शिवराज सरकार के 12 मंत्री चुनाव हार गए हैं, लेकिन उन्होंने अब तक बंगले खाली नहीं किए है। इसके बाद चुनाव जीते मंत्रियों ने भी अभी अपने बंगले खाली नहीं किए है। गृह विभाग के अनुसार पूर्व विधायक को भी बंगला आवंटित हो सकता है। इसका विशेषाधिकार मुख्यमंत्री के पास हैं। हालांकि शर्त यह है कि वह पूर्व मंत्री या पार्टी के पदाधिकारी रहे हो।