Friday, September 20"खबर जो असर करे"

मप्रः खाद के लिए सात घंटे से लाइन में लगे किसान की मौत

सीहोर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कृषि विभाग भले ही जिले में खाद की पर्याप्त उपलब्धता (adequate availability of fertilizers) बता रही है और वितरण भी करा रही है, लेकिन किसानों को खाद के लिए खासी मशक्कत (Farmers struggle a lot for fertilizers) करनी पड़ रही है। शनिवार को तो खाद के लिए लाइन में लगे एक बुजुर्ग किसान की मौत (Death of an elderly farmer in line) हो गई। किसान करीब 7 घंटे से लाइन में लगा था, तभी अचानक गिर पड़ा और फिर नहीं उठा।

मामला सीहोर जिले के ढाबला की सरकारी सोसायटी का है। सीहोर मुख्यालय के नजदीकी ग्राम रामाखेड़ी निवासी 65 वर्षीय कृषक शिवनारायण मेवाड़ा अपने गांव से दो किलोमीटर दूर ढाबला की सरकारी सोसायटी में खाद लेने गया था। जहां वह शनिवार को सुबह 8 बजे से दोपहर करीब ढाई बजे तक लाइन में लगा रहा, जिसके बाद उसे खाद के लिए पर्ची मिली। जब उसका नम्बर आया, तभी वह अचानक गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई।

मृतक किसान के भतीजे धनराज सिंह मेवाडा ने बताया कि उसके चाचा खाद के लिए शुक्रवार की सुबह 6 बजे से ग्राम ढाबला सोसाइटी गए हुए थे, वह करीब 10 घंटे तक खाद के लिए लाईन में भूखे प्यासे लगे रहे। सुबह छह बजे वह घर से सोसाइटी आये थे, करीब दोपहर तीन बजे उन्हें खाद की पर्ची मिली, पर्ची लेने के बाद सोसाइटी से कुछ दूर चलने पर ही वह गिर गए और उनकी मौत हो गई। मृतक किसान के पास करीब तीन एकड़ जमीन है। परिवार में उसके दो बेटे हैं, ग्रामीणों ने बताया कि पूरे क्षेत्र में खाद का काफी संकट है।

मृतक किसान के बेटे माखन सिंह ने बताया कि उनके पिताजी विगत चार दिनों से खाद लेने जा रहे थे, लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल पा रही थी। हालांकि कृषि उपसंचालक केके पांडे का कहना है कि ढाबला सोसाइटी में दो दिनों में 50 टन खाद भेजा गया है। खाद संकट कहीं नहीं है। किसानों को प्रक्रिया के अनुसार खाद वितरण किया जा रहा है। दस बजे सोसाइटी खुलती है, लेकिन किसान पहले से ही लाईन लगा लेते हैं। किसान की मौत खाद की कतार में नहीं हुई है। (एजेंसी, हि.स.)