भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनावी आचार संहिता लागू होने के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए दो जिलों खरगोन और रतलाम के कलेक्टरों तथा दो जिलों जबलपुर व भिंड के पुलिस अधीक्षकों को हटा दिया है। इस संबंध में बुधवार देर शाम राज्य शासन ने आदेश जारी किए हैं।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुपालन में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के दो अधिकारियों का तबादला करते हुए उनकी नवीन पदस्थापना की गई है। इनमें खरगोन कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा और रतलाम कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी को भोपाल स्थित मंत्रालय में उप सचिव पदस्थ किया गया है। निर्देश में कहा गया है कि दोनों जिले के कलेक्टर तत्काल अपना प्रभार जिले में पदस्थ जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को सौंपते हुए नवीन पदस्थापना पर उपस्थित होना सुनिश्चित करें।
वहीं, गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुपालन में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के दो अधिकारियों का तबादला करते हुए उनकी नवीन पदस्थापना की गई है। इनमें जबलपुर पुलिस अधीक्षक तुषारकांत विद्यार्थी और भिंड के पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री को हटाकर भोपाल स्थित पुलिस मुख्यालय में सहायक पुलिस महानिरीक्षक के पद पर पदस्थ किया गया है। दोनों जिलों के पुलिस अधीक्षक के रिक्त पद का प्रभार उक्त जिलों में पदस्थ वरिष्ठतम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों को अस्थाई रूप से उक्त जिलों में पुलिस अधीक्षक की पदस्थापना किए जाने तक सौंपा गया है।
दरअसल, जबलपुर एसपी तुषारकांत विद्यार्थी और भिंड एसपी मनीष खत्री के खिलाफ चुनाव आयोग को शिकायतें मिली थी। आयोग ने शुरुआती जांच के बाद दोनों जिलों के एसपी को तत्काल हटाया है। भिंड एसपी को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने शिकायत की थी, उन्होंने एसपी भिंड पर आरोप लगाया था, वहीं खरगोन कलेक्टर की पत्नी को भाजपा संगठन का करीबी बताया गया था। चुनाव आयोग में की गई शिकायत में कहा गया था कि अधिकारी चुनावों को प्रभावित कर सकते हैं। शिकायतों की जांच के बाद निर्वाचन आयोग के निर्देश पर राज्य शासन द्वारा उक्त कार्रवाई की गई है।