Friday, November 22"खबर जो असर करे"

मप्रः मुख्यमंत्री शिवराज ने मंत्रि-परिषद के सदस्यों के साथ देखी “द केरल स्टोरी”

भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) मंगलवार रात आठ बजे अपने मंत्रि-परिषद के सदस्यों (Council of Ministers) के साथ लव जिहाद और आतंकवाद (love jihad and terrorism) पर बनी फिल्म “द केरल स्टोरी” (Film “The Kerala Story”) देखने के लिए पहुंचे। भोपाल के अशोका लेक व्यू (Ashoka Lake View) के ओपन थिएटर में मुख्यमंत्री चौहान ने मंत्रियों के साथ फिल्म देखी। इस मौके पर मुख्यमंत्री चौहान की पत्नी साधना सिंह और अन्य मंत्रियों के परिजन भी साथ थे। इस मौके पर ”द केरल स्टोरी” की अभिनेत्री अदा शर्मा और प्रोड्यूसर-डायरेक्टर विपुल शाह भी मौजूद रहे।

दरअसल, अदा शर्मा व विपुल शाह के साथ “द केरल स्टोरी” फिल्म की टीम ने मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री ने अंगवस्त्रम भेंटकर टीम का स्वागत किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री चौहान की धर्मपत्नी साधना सिंह चौहान भी मौजूद थी। इसके बाद मुख्यमंत्री चौहान सपत्नी ड्राइव इन सिनेमा में द केरला स्टोरी फिल्म देखने पहुंचे। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और मंत्रि-परिषद के अन्य सदस्यों के साथ उन्होंने फिल्म देखी। फिल्म देखने के बाद मुख्यमंत्री चौहान ने फिल्म की टीम के सदस्यों का पुष्प-गुच्छ भेंट कर अभिनन्दन किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि द केरल स्टोरी की पूरी टीम के साथ मैं अपनी टीम को लेकर फिल्म देखने आया हूं। इस फिल्म को सभी को देखना चाहिए। झूठे प्रेम के जाल में फंसकर हमारी बेटियां अंधेरी दुनिया में पहुंच जाती हैं, जिससे उनकी जिंदगी नरक बन जाती है। देश विरोधी कृत्यों में उन्हें फंसा दिया जाता है। यह बहुत उद्देश्यपूर्ण फिल्म हैं।

गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मंत्री तुलसी सिलावट और जगदीश देवड़ा ने फिल्म द केरल स्टोरी देखी। मंत्री सारंग ने कहा कि ‘इस फिल्म के माध्यम से समाज को जगाने की जरूरत है। कांग्रेस और वामपंथी दलों के लोग जो ऐसी समस्याओं के पीछे हैं, वो लगातार फिल्म का विरोध कर रहे हैं। यह विरोध इस बात को इंगित करता है कि यदि देश में आतंकवाद और हमारी संस्कृति को मिटाने का षड्यंत्र होता है तो उसके पीछे निश्चित रूप से कांग्रेस और वामदल ही हैं।’