भोपाल (Bhopal)। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में बीते दो दिन से मौसम का मिजाज (weather patterns) बिगड़ा हुआ है। शनिवार को भी दिनभर तेज धूप निकलने के बाद शाम को कई इलाकों में अचानक मौसम बदल (sudden weather change) गया। इस दौरान छिंदवाड़ा और सीधी जिले (Chhindwara and Sidhi districts) में तेज हवाओं के साथ बारिश (Rain with strong winds) होने लगी। साथ ही ओले भी गिरे। जिससे फसलों को नुकसान होने की खबर है। मौसम विभआग की मानें तो रविवार को भी जबलपुर, शहडोल संभाग के कई जिलों में कहीं-कहीं तेज रफ्तार से हवाएं चलने के साथ बारिश होने की संभावना है। शेष क्षेत्रों में आंशिक बादल बने रह सकते हैं, लेकिन वातावरण शुष्क होने से दिन के तापमान में बढ़ोतरी होने लगेगी।
भोपाल मौसम विज्ञान केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार, वर्तमान में अलग-अलग स्थानों पर पांच मौसम प्रणालियां बनी हुई हैं। हवाओं का रुख भी दक्षिण-पूर्वी बना हुआ है। हवाओं के साथ नमी आने के कारण पूर्वी मध्य प्रदेश में बारिश के आसार बने हुए हैं। रविवार को जबलपुर, शहडोल संभाग के जिलों में तेज रफ्तार से हवाएं चलने के साथ कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। शेष स्थानों पर मौसम शुष्क रहने के साथ ही तापमान में बढ़ोतरी भी होगी। इस बार अप्रैल माह में गर्मी के तेवर पिछले वर्षों की तुलना में तीखे रहने की संभावना है। साथ लू के दिनों की संख्या भी बढ़ सकती है।
विभाग के अनुसार, शनिवार को सतना में लू चली। दमोह, खजुराहो, मंडला एवं सतना में गर्म रातें रहीं। महाकोशल-विंध्य के जिलों में दो दिन से बढ़ी गर्मी के बीच शनिवार को उमरिया, सीधी और सतना जिले में ओलावृष्टि हुई है। वहीं छिंदवाड़ा, कटनी, दमोह, डिंडौरी में वर्षा हुई। कटनी में आकाशीय बिजली गिरने से एक की मौत हुई है। उमरिया जिले के करकेली जनपद क्षेत्र के ग्राम निगहरी में जमकर ओलावृष्टि हुई है। लगभग 45 मिनट तक वर्षा हुई और बीच-बीच में ओलावृष्टि होने से रबी की फसल को नुकसान हुआ है।
इससे पहले शुक्रवार को हुई बारिश और ओलावृष्टि से चंबल अंचल के 22 गांवों में ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। मुरैना और भिंड जिले में ओलावृष्टि ने खेतों में खड़ी और कटी रखी गेहूं व सरसों की फसल को बर्बाद कर दिया है। मुरैना जिले के 16 गांवों और भिंड जिले के करीब छह गांवों में 80 प्रतिशत तक फसलों को नुकसान हुआ है।
वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में बनी अलग-अलग मौसम प्रणालियों के असर से मध्य प्रदेश में कहीं-कहीं बारिश हो रही है। उन्होंने बताया कि तीन अप्रैल से एक नए पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत पहुंचने की संभावना है।