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मप्रः नर्सिंग कॉलेज घोटाले में रिश्वतखोरी मामले डीएसपी समेत 10 नए आरोपी, 23 हुई संख्या

भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के चर्चित नर्सिंग कॉलेज घोटाले (Famous nursing college scams) की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों (CBI officers) की रिश्वतखोरी मामले में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में सीबीआई ने मंगलवार को 10 नए आरोपी घोषित (10 new accused declared) किए हैं। इनमें सीबीआई के डीएसपी और एक इंस्पेक्टर शामिल हैं। इसके बाद अब सीबीआई के चार अधिकारियों को मिलाकर आरोपियों की कुल संख्या 23 हो गई है।

अधिकारियों ने बताया कि नर्सिंग कॉलेज के मालिकों से सीबीआई के अफसर ने दलालों के माध्यम से रिश्वत ले रहे थे। हर नर्सिंग कॉलेज से क्लीन चिट देने के लिए दो से 10 लाख रुपये की रिश्वत की डिमांड की गई थी। अब तक सीबीआई के दो इंस्पेक्टर और एक निरीक्षक गिरफ्तार हो चुके हैं, वहीं मंगलवार को इस मामले में डीएसपी आशीष प्रसाद को भी आरोपी बनाया गया है।

उल्लेखनीय है कि मप्र उच्च न्यायालय के निर्देश पर अक्टूबर 2022 से सीबीआई की टीम प्रदेश के 364 नर्सिंग कॉलेजों की जांच कर रही थी। इसमें यह देखा जा रहा था कि कॉलेज मापदंड के अनुसार संचालित हो रहे हैं या नहीं। सीबीआई को सूत्रों के हवाले से सूचना मिली थी कि जांच अधिकारी नर्सिंग कॉलेजों की जांच रिपोर्ट उपयुक्त देने के लिए रिश्वत लेते हैं। अलग-अलग नर्सिंग कॉलेजों से विद्यार्थियों की क्षमता के अनुसार दो लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक रिश्वत लेने की सूचना मिली थी। यह भी पता चला था कि सीबीआई को सहयोग के लिए राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए कर्मचारियों को भी रिश्वत का 25 हजार रुपये से 50 हजार रुपये तक हिस्सा मिलता था। यह राशि निरीक्षण के दूसरे दिन दलाल द्वारा बांटी जाती थी।

सीबीआई दिल्ली की टीम लगभग एक माह पहले से सभी पर नजर रखी हुई थी। संदेह था कि कुछ नर्सिंग कॉलेज संचालक अपने सुरक्षाकर्मियों और ड्राइवरों के माध्यम से लेनदेन की बात जांचकर्ता सीबीआई अधिकारी और दलालों से कर रहे थे। सीबीआई ने इस मामले में सभी 23 आरोपितों के नाम सार्वजनिक किए हैं। इनमें नर्सिंग कॉलेजों की जांच कर रहे सीबीआई के डीएसपी आशीष प्रसाद, भोपाल में गिरफ्तार किए गए निरीक्षक राहुल राज, मध्य प्रदेश पुलिस से सीबीआई में अटैच सुशील कुमार मजोका और ऋषि कांत असाटी भी शामिल हैं। जांच एजेंसी इन अधिकारियों द्वारा पहले की गई अन्य जांचों की फाइल भी खोल सकती है। इनमें व्यापमं फर्जीवाड़े से जुड़े कुछ मामले भी शामिल हैं।

राहुल राज ही था मुख्य कर्ताधर्ता
सीबीआई की जांच में सामने आया है कि इस पूरे मामले का कर्ताधर्ता सीबीआई निरीक्षक राहुल राज ही था। वह दलालों के सीधे संपर्क में था। सीबीआई की टीम निरीक्षण के लिए कब, कहां पहुंचने वाली है, इसका कार्यक्रम पहले ही दलाल के माध्यम से संबंधित नर्सिंग कालेज तक पहुंच जाता था। पूरे प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों और सीबीआई की टीम के बीच मध्यस्थता दो दलाल कर रहे थे। एक दलाल जुगल किशोर शर्मा ग्वालियर, रतलाम, मंदसौर और उज्जैन के कॉलेजों के बीच दलाली कर रहा था। उसका सहयोग अशोक नागर, रोहित शर्मा और राधा रमन कर रहे थे।

दूसरा बड़ा दलाल ओम गोस्वामी था। वह इंदौर, धार, खरगोन, मंडलेश्वर, रतलाम और मंदसौर के कालेजों के बीच दलाली कर रहा था। रवि भदोरिया, कमल इरानी, आशीष चौहान, मुकेश गिरि गस्वामी, मोहित निगोरे, गौरव शर्मा, वेद शर्मा, जुबेर शेख, प्रीति तिलकवार और तनवीर खान उसका सहयोग कर रहे थे। सीबीआई को पता चला था कि दलाल जुगल किशोर शर्मा राहुल राज के कहने पर रिश्वत की राशि राधा रमन शर्मा द्वारा जयपुर में राहुल शर्मा के यहां पहुंचाता था। राहुल राज का दोस्त धर्मपाल (निवासी गंगानगर राजस्थान) रिश्वत की राशि राहुल के नाम से एकत्रित करता था।

23 आरोपितों में अभी 13 की ही गिरफ्तारी हुई है। आरोपितों को सीबीआई पूछताछ के लिए दिल्ली लेकर गई है। पूछताछ और दस्तावेजों की जांच में अन्य आरोपितों के विरुद्ध प्रमाण मिलने पर इन्हें भी गिरफ्तार किया जा सकता है। साथ ही कुछ और नर्सिंग कालेज संचालकों और दलालों को आरोपित बनाया जा सकता है।