नई दिल्ली । मंकीपॉक्स (Monkeypox) का खतरा लगतार बढ़ता जा रहा है. दुनियाभर के 75 देशों में मंकीपॉक्स दस्तक दे चुका है और 16 हजार से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं. इस बीच, रविवार को मंकीपॉक्स ने देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में भी दस्तक दे दी. यहां एक शख्स को मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया, जिसके बाद उसे तुरंत दिल्ली स्थित एलएनजेपी अस्पताल (LNJP Hospital) में भर्ती कराया गया. हालांकि, लोग तब हैरान रह गए जब पता चला कि संक्रमित शख्स की ट्रैवल हिस्ट्री विदेश की नहीं है. तब सब सोच में पड़ गए कि ये शख्स बिना विदेश गए संक्रमित कैसे हो गया?
बिना विदेश गए कैसे संक्रमित हुआ शख्स?
दिल्ली में रविवार को मंकीपॉक्स का एक केस सामने आने के बाद डॉक्टरों ने लोगों से सावधान रहने के लिए कहा. हालांकि, डॉक्टरों ने ये भी कहा कि इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है, बस सतर्कता बरतते रहें. जांच में सामने आया है कि दिल्ली मे मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया शख्स हाल ही में हिमाचल प्रदेश गया था और वहां एक पार्टी में शामिल हुआ था. माना जा रहा है कि शख्स उसी पार्टी में मंकीपॉक्स से संक्रमित हो गया.
मंकीपॉक्स के लक्षण क्या हैं?
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट में इंटरनल मेडिसीन के डॉक्टर श्री बालाजी के मुताबिक, हमें यह समझना होगा कि घबराने वाली कोई बात नहीं है. मंकीपॉक्स एक हल्का संक्रमण है, इसके लक्षण चेचक के समान होते हैं. वहीं, सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसीन, एम्स के एडिशनल प्रोफेसर हर्षल साल्वे ने कहा, ‘मंकीपॉक्स मनुष्यों में श्वसन बूंदों और रोगियों के शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क से फैलता है. हॉस्पिटल की निगरानी और मामलों में आइसोलेशन से संक्रमण के प्रसार की रोकथाम की जा सकती है. घबराने की कोई जरूरत नहीं है.
आइसोलेशन में रखा गया मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीज
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि दिल्ली का 34 साल का एक शख्स एलएनजेपी अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है. उसकी हालत में सुधार हो रहा है. उन्होंने कहा, ‘संक्रमित के करीबी संपर्कों की पहचान कर ली गई है और स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार उनको आइसोलेशन में रखा गया है.’
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, 75 देशों से मंकीपॉक्स के 16,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. वहीं, अफ्रीका में मंकीपॉक्स से 5 मरीजों की मौत भी हो गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन, मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर चुका है.
जान लें कि मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है जिसे आमतौर पर त्वचा के घावों के साथ बुखार, दाने और सूजी हुई लिम्फ नोड्स से पहचाना जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कहा कि मंकी पॉक्स के मरीज चार हफ्ते के भीतर ठीक हो जाते हैं.