-भुगतान में देरी पर दंडात्मक ब्याज दर 24 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी की गई
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोयला खदानों से रॉयल्टी और किराया शुल्क के देरी से भुगतान की स्थिति में लगने वाले ब्याज की दर घटा दी है। सरकार ने कारोबार सुगमता को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया है। कोयला मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।
कोयला मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में बताया कि किराये, रॉयल्टी शुल्क या अन्य राशि के भुगतान में देरी की स्थिति में दंडात्मक ब्याज की दर 24 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी कर दी गई है। मंत्रालय ने खनिज रियायत नियम, 1960 (एमसीआर) में संशोधन किया है, ताकि इसके कई प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से मुक्त किया जा सके। इसके अलावा अतिरिक्त या कम रॉयल्टी को समायोजित करने के लिए एक नया भी प्रावधान जोड़ा गया है।
मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार व्यापार और नागरिकों के लिए अनुपालन कम करने की दिशा में कदम उठा रही है। सरकार ने कारोबार सुगमता की नीति को आगे बढ़ाने के लिए एमसीआर में संशोधन कर 68 प्रावधानों को खत्म कर दिया है, जबकि एमसीआर के 10 प्रावधानों में जुर्माना कम किया गया है। एमसीआर खनिज रियायतों के आवेदनों और उन्हें आवंटित करने की प्रक्रिया के नियम को तय करता है, जिसमें सर्वेक्षण करने का परमिट, संभावित लाइसेंस और खनन पट्टे शामिल है। दरअसल, ये रियायतें खानों के संचालन और विकास के लिए जरूरी हैं। (एजेंसी, हि.स.)