Friday, September 20"खबर जो असर करे"

मंत्री सारंग ने लिया छठ पूजा की तैयारियों का जायजा, कहा- भव्यता के साथ होगी छठ पूजा

भोपाल। राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग (Medical Education Minister Vishwas Kailash Sarang) ने लोक आस्था के महापर्व (great festival of folk faith) छठ पूजा (Chhath Puja) के मद्देनजर बुधवार को भोपाल में विभिन्न स्थानों पर बने छठ पूजा स्थलों का निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पूरी तैयारी के बाद पूजा स्थलों पर भव्यता के साथ छठ पूजा की जाएगी।

मंत्री सारंग ने अन्ना नगर शाखा ग्राउंड, सुभाष नगर दुर्गा मंदिर, एकतापुरी दशहरा मैदान, राजेंद्र नगर, करोंद पर तैयार किये जा रहे छठ पूजा स्थलों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मंत्री सारंग ने जल कुंडों की साफ-सफाई, स्वच्छता, पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था एवं छठ पूजा करने वालों की सुविधा और सुरक्षा संबंधी जानकारी ली।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक त्योहार बेहद हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। विगत 10 वर्षों से छठ पूजा के लिये सूर्य कुण्डों का निर्माण कर घाटों का विस्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि पूजा के दौरान लोगों को असुविधा नहीं हो, इस के लिये छठ घाटों पर सुविधा एवं सुरक्षा का ध्यान रखते हुए व्यवस्था की जा रही है।

छठ घाटों के पास लगाये जायेंगे अस्थाई शौचालय
सारंग ने कहा कि छठ पूजा के अवसर पर बड़ी संख्या में क्षेत्र की महिलायें पूजन में शामिल होती हैं। महिलाओं को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हो, इसके लिये छठ घाटों के समीप नगर निगम द्वारा अस्थाई शौचालय की व्यवस्था की जाएगी। निरीक्षण के दौरान महापौर मालती राय, एमआईसी सदस्य अशोक वाणी और आनंद अग्रवाल, क्षेत्रीय पार्षद, नगर निगम के अधिकारी एवं स्थानीय रहवासी उपस्थित रहे।

मंत्री सारंग ने गोवर्धन पूजा पर की गो-पूजा
मंत्री सारंग ने बुधवार को गोवर्धन पूजा के अवसर पर निज निवास पर विधि-विधान के साथ गो-माता की पूजा-अर्चना की। उन्होंने गो-माता को रोटी खिलाकर आरती उतारी। इस मौके पर सारंग ने कहा कि सनातन संस्कृति में पूज्य एवं वेदों में प्रतिष्ठित गोमाता में सभी देवी-देवता विद्यमान रहते हैं। जिस प्रकार देवी लक्ष्मी सुख-समृद्धि देती हैं उसी प्रकार गो माता भी अपने दूध से जन-मानस को स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि गाय सम्पूर्ण मानव जाति के लिए पूजनीय और आदरणीय है। गो-संवर्धन हमारा कर्त्तव्य और समाज की जरूरत भी है। (एजेंसी, हि.स.)