Friday, November 22"खबर जो असर करे"

मंत्री-विधायक अपने क्षेत्र में प्रेरणा देकर 4 हजार करोड़ रुपये की बचत करवा सकते हैं : मुख्यमंत्री

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने मंत्रीगण, विधायकों और मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि वे ऊर्जा बचत (energy saving) के लिये लोगों को प्रेरित (inspire people) करते हैं, तो प्रदेश में प्रति वर्ष 4 हजार करोड़ रुपये की बिजली के अपव्यय (Wastage of electricity worth Rs 4 thousand crore per year) को रोका जा सकता है। प्रदेश का किसान अन्नदाता बनने के साथ अब ऊर्जा दाता भी बन रहा है। किसानों के लिये कुसुम-‘अ’,’ब’,’स’ योजना आय के साधन बढ़ाएंगे। कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने यह आह्वान गुरुवार शाम को नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग के निवास पर आयोजित नवकरणीय ऊर्जा योजनाओं के प्रस्तुतिकरण कार्यक्रम में किया। उन्होंने मंत्री डंग की विभागीय योजनाओं के प्रस्तुतिकरण और उनसे संबंधित शंका एवं समाधान के लिये आयोजित कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि सभी मंत्री भी अपने विभागों से संबंधित इस तरह का कार्यक्रम करें।

वर्ष 2030 तक प्रदेश में होगा 50 प्रतिशत ग्रीन ऊर्जा उत्पादन
मंत्री डंग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में ग्रीन ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश में बहुत तीव्र गति से काम हो रहा है। प्रदेश में वर्ष 2030 तक 50 प्रतिशत ग्रीन ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है। देश-विदेश के निवेशक मध्यप्रदेश की ग्रीन ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश करने के इच्छुक हैं। विश्व की सबसे बड़ी 600 मेगावाट की ओंकारेश्वर फ्लोटिंग योजना पर काम जारी है। इससे भूमि की बचत होने के साथ, पानी भी भाप बन कर नहीं उड़ने से बचेगा।

जल्द ही ग्रीन अमोनिया उत्पादन करने वाला पहला राज्य बनेगा मध्यप्रदेश
ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने विभागीय योजनाओं का प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश जल्दी ही देश का पहला ग्रीन अमोनिया उत्पादक राज्य होगा। प्रदेश में साढ़े पांच हजार मेगावाट ग्रीन ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। पिछले 11 साल में सोलर ऊर्जा में 54 और पवन ऊर्जा में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे एक करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है, जो 17 करोड़ पेड़ के बराबर है। मध्यप्रदेश में छोटी-बड़ी अनेक परियोजनाएँ आ रही हैं। छतरपुर और मुरैना जिले में सोलर, पवन और बैटरी स्टोरेज जैसे नवाचार किये जायेंगे। इनसे नवकरणीय ऊर्जा के अग्रणी राज्यों में शामिल मध्यप्रदेश जल्दी है शीर्ष स्थान पर पहुँचेगा। (एजेंसी, हि.स.)