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Makar Sankranti: कब है मकर संक्रांति 14 या 15 जनवरी को ?

उज्‍जैन ! खगोलशास्त्रियों (astronomers) के अनुसार इस दिन सूर्य अपनी कक्षा में परिवर्तन करके दक्षिणायन से उत्तरायण (Dakshinayan to Uttarayan) होकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। जिस राशि में सूर्य का कक्ष परिवर्तन होता है उसे संक्रांति कहा जाता है। इसके बाद से दिन बड़ा और रात्रि की अवधि कम हो जाती है। इस बार व्यतिपात योग शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि शतभिषा नक्षत्र में सोमवार को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार उत्तरायण की अवधि को देवताओं का दिन तथा दक्षिणायन को देवताओं की रात कहा जाता है।

इस साल भी मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाया जायेगा। इससे पूर्व 2022 व 2023 में भी मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मना था। मिथिला पंचांग के अनुसार 15 जनवरी को सुबह 8:30 में एवं काशी पंचांग के अनुसार प्रातः काल 8:42 मिनट पर सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस कारण इसी दिन पर्व मनाया जायेगा। ज्योतिषाचार्य मनोज कुमार मिश्र ने बताया कि संक्रांति पर्व प्रायः 15जनवरी को मनाया जाता है।

जगन्नाथ मंदिर के पंडित आनंद मिश्रा ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान व दान का विशेष महत्व है। इस दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और अक्षय फल प्राप्त होता है। साथ ही जाने-अनजाने जन्मों के किए गए पाप का भी क्षय हो जाता है। इस दिन देवी-देवता एक साथ प्रसन्न होते हैं। उन्होंने बताया कि मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान कर कंबल, घृत दान, तिल, लडू, वस्त्र आदि दान का विशेष महत्व है।