भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) ने छह लाख से अधिक पथ विक्रेताओं (more than six lakh street vendors) को पीएम स्वनिधि योजना (PM Swanidhi Scheme) के माध्यम से स्व-रोजगार, स्व-रोजगार से स्वाबलंबन एवं स्वाबलंबन से स्वाभिमान के पथ पर अग्रसर किया है। मध्य प्रदेश योजना के प्रथम एवं द्वितीय चरण के क्रियान्वयन में देश में प्रथम है। प्रदेश ने 31 मार्च तक के लक्ष्य को जनवरी में ही पूर्ण कर लिया है। यह जानकारी राज्य के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने शुक्रवार को जारी एक बयान में दी।
मंत्री सिंह ने बताया कि पीएम स्वनिधि योजना के तीनों चरणों में अभी तक 7 लाख 8 हजार 255 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं। इनमें से 6 लाख 47 हजार 951 हितग्राहियों बैंकों द्वारा ऋण वितरित किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा योजना के प्रथम चरण में प्रदेश को 5 लाख 20 हजार पथ विक्रेताओं को 31 मार्च 2023 तक लाभ देने का लक्ष्य दिया गया था। नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष की समाप्ति 31 मार्च के ढाई माह पूर्व जनवरी में ही लक्ष्य को प्राप्त करते हुए 5 लाख 20 हजार 187 पथ विक्रेताओं को 10-10 हजार रुपये की ब्याज मुक्त कार्यशील ऋण पूंजी प्रदान कर दी गई है। यह राशि शहरी क्षेत्र के पथ विक्रेताओं को डीबीटी के माध्यम से बैंक खाते में अंतरित की गयी है।
मंत्री सिंह ने बताया कि योजना के द्वितीय चरण में बैंकों द्वारा एक लाख 57 हजार 158 आवेदन स्वीकृत किये गये। इनमें से 1 लाख 23 हजार 261 आवेदकों को 20-20 हजार रुपये उनके बैंक खातों में अंतरित किये जा चुके हैं। तृतीय चरण में बैंकों द्वारा 5 हजार 281 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं। इनमें से 4 हजार 503 आवेदकों को 50-50 हजार रुपये ब्याज मुक्त ऋण उनके बैंक खातों में जमा करवा दी गई है। योजना में तीन चरणों में क्रमश: 10 हज़ार, 20 हज़ार और 50 हज़ार रुपये की ब्याज मुक्त कार्यशील ऋण पूंजी दी जा रही है। प्रदेश के पथ विक्रेताओं के मध्य डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा लगभग 3 करोड़ 50 लाख रुपये का कैशबैक भी किया गया है। (एजेंसी, हि.स.)