Friday, November 22"खबर जो असर करे"

मप्रः सांची में बौद्ध स्तूप देख हुए अभिभूत जी-20 देशों के प्रतिनिधि, वन विहार भी घूमे

– प्रतिनिधियों का पारंपरिक तरीके से हुआ आत्मीय स्वागत

भोपाल (Bhopal)। राजधानी भोपाल में जी-20 (G-20) अंतर्गत आयोजित दो दिवसीय साइंस-20 कॉन्फ्रेंस (Two day Science-20 Conference)-ऑन ‘कनेक्टिंग साइंस टू सोसायटी एंड कल्चर’ (on ‘Connecting Science to Society and Culture’) में आए जी-20 के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों (Representatives of G-20 member countries) ने शनिवार शाम को रायसेन जिले में स्थित यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल साँची स्तूप (UNESCO World Heritage Site Sanchi Stupa) का भ्रमण किया। सभी प्रतिनिधिओं का स्तूप परिसर में भारतीय संस्कृति अनुसार पारम्परिक तरीके से तिलक लगाकर और पुष्प माला पहनाकर भव्य स्वागत किया गया। शांति का टापू कहे जाने वाले साँची में हुए आत्मीय स्वागत से सभी प्रतिनिधि अभिभूत हो गए।

जी-20 देशों के प्रतिनिधियों ने बौद्ध स्तूपों सहित अन्य धरोहरों को देखा और उनकी सुंदरता और बनावट शैली देख कर मंत्रमुग्ध हो गए। बौद्ध स्तूपों के साथ ही साँची के नैसर्गिक सौंदर्य ने भी उन्हें अपनी ओर आकर्षित किया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारियों ने भगवान बौद्ध की शिक्षाओं, सम्राट अशोक के संदेशों, साँची स्तूपों की बनावट शैली, उनके ऐतिहासिक तथा पुरातात्विक महत्व के बारे में बताया। सांची स्तूप परिसर में लेजर शो के माध्यम से भगवान बुद्ध की कथाएं एवं उनकी जीवनी प्रदर्शित की गई, साथ ही सम्राट अशोक के जीवन काल पर भी प्रकाश डाला।

भ्रमण के दौरान ब्राजील, यूएई, यूके, साउथ अफ्रीका सहित अन्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ रायसेन जिले के कलेक्टर अरविंद दुबे एवं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारी भी साथ रहे।

साइंस-20 ग्रुप के प्रतिनिधियों ने वन विहार में किया भ्रमण
इससे पहले जी-20 समिट के साइंन्स ग्रुप के लगभग 48 सदस्यों ने शनिवार को भोपाल में राष्ट्रीय उद्यान वन विहार का भ्रमण किया। करीब दो घंटे के इस भ्रमण के दौरान प्रतिभागियों ने स्वतंत्र विचरण करने वाले तृणभक्षी वन्य-प्राणी चीतल, सांभर, काला हिरण, नील गाय, जैकाल देखे। प्रतिभागी सदस्य बड़े एनक्लोजर में रखे बाघ को देखकर रोमांचित हो उठे। उन्होंने एनक्लोजर में रखे शेर (लॉयन), हायना, पेन्थर एवं स्लॉथ बियर (भालू) भी बड़े रूचि के साथ देखा।

प्रतिभागियों ने भ्रमण के दौरान वन विहार संचालक पद्माप्रिय बालाकृष्णन से वन्य-प्राणियों से सम्बन्धित प्रश्न पूछे एवं जवाब पाकर संतुष्ट हुए। भ्रमण के दौरान उन्होंने कई प्रजाति के पक्षी जैसे-मोर, कार्मोरेंट, पोंड, हेरान, इग्रेट, पेन्टेडे स्टार्क आदि भी देखे एवं उनकी आवाजें सुनकर रोमांचित हुए। प्रतिभागियों ने पहाड़ी बाबा के व्यू पाईन्ट का भी लुप्त उठाया और इसे संरक्षित करने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने शहर के मध्य स्थित छोटे से क्षेत्र में किए जा रहे संरक्षण के उत्तम प्रयास को सराहा।

वन विहार के भ्रमण के दौरान संचालक, सहायक संचालक, बायोलॉजिस्ट एवं परिक्षेत्र अधिकारीगण ने प्रतिभागियों को वन विहार एवं वन्यप्राणियों के बारे में रोचक जानकारियाँ दी।

जी-20 के प्रतिनिधियों ने किया मप्र जनजातीय संग्रहालय का भ्रमण, कहा-अद्भुत
राजधानी भोपाल में आयोजित जी-20 अंतर्गत दो दिवसीय साइंस-20 कॉन्फ्रेंस-ऑन “कनेक्टिंग साइंस टू सोसायटी एंड कल्चर” में आए जी-20 के सदस्य देशों, आमंत्रित राज्य और अंतरराष्ट्रीय संगठन के वैज्ञानिक समुदाय के प्रतिनिधियों ने दूसरे दिन शनिवार को जनजातीय संग्रहालय का भ्रमण किया। उन्होंने संग्रहालय की विभिन्न दीर्घाओं, चित्र प्रदर्शनी, चिन्हारी सोविनियर शॉप और पुस्तकालय ‘लिखन्दरा’ का अवलोकन किया। प्रतिनिधियों ने जनजातीय समुदाय की वाचिक और कला परम्परा के कलात्मक संयोजन को अद्भुत कहा।

जी-20 प्रतिनिधियों ने कहा कि यह अपने तरीके का अनूठा संग्रहालय है, जहां भावी पीढ़ी को स्थानीय जनजातीय समुदाय की जीवन शैली, कला, रीति-रिवाज को रचनात्मक और जीवंत स्वरूप में प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने मध्य प्रदेश में निवासरत जनजातीय समूहों की कला, संस्कृति, परम्परा और जीवन उपयोगी शिल्प चित्रों, रहन-सहन तथा रीति-रिवाज को चित्रों, मूर्तियों एवं प्रदर्शनों को करीब से जाना। साइंस-20 कॉन्फ्रेंस में इंडोनेशिया, ब्राजील, यूएई, यूके और साउथ अफ्रीका सहित अन्य देशों के प्रतिनिधि शामिल रहे।