-कैट के राष्ट्रीय महामंत्री ने दीपिका पादुकोण के विचारों का किया समर्थन
नई दिल्ली। कफ्नफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने शुक्रवार को एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन के हफ्तें में 90 घंटे कार्य सप्ताह की वकालत वाले बयान को “पूरी तरह से अव्यवहारिक और मानव गरिमा एवं काम-काज के संतुलन की अवहेलना” करार देते हुए कड़ी आलोचना की है।
खंडेलवाल ने कहा कि ऐसे बयान आधुनिक युग में मानसिक स्वास्थ्य और कर्मचारियों के कल्याण के महत्व की समझ की कमी को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा, “हम एक ऐसी संस्कृति की ओर नहीं लौट सकते जो कर्मचारियों को केवल मशीनों की तरह देखती हो। कैट महामंत्री ने कहा कि हर व्यक्ति, चाहे वह कॉरपोरेट सेक्टर में हो या स्व-रोजगार से जुड़ा हो, एक ऐसा संतुलित जीवन जीने का हकदार है जहां व्यक्तिगत और पेशेवर आकांक्षाएं साथ-साथ पूरी हो सकें।”
इस संदर्भ में कैट महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के उन विचारों का समर्थन किया, जिन्होंने मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियों और एक स्वस्थ कार्य वातावरण की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बोलने के लिए दीपिका पादुकोण की साहस की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी हस्तियों और प्रभावशाली व्यक्तियों को प्रगतिशील कार्य संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अपने मंचों का उपयोग करना चाहिए। हालांकि, कंपनी ने चारों तरह से तीखी आलोचना का सामना करने के बाद इसका बचाव किया है।
खंडेलवाल ने आगे कहा, “भारतीय व्यवसाय, चाहे वह बड़े कॉरपोरेट हों या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) अपने कर्मचारियों की समर्पण भावना पर आधारित होते हैं। कड़ी मेहनत वाले घंटों को बढ़ावा देना केवल उत्पादकता को कम करेगा, तनाव को बढ़ाएगा और समग्र अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाएगा।” उन्होंने नीति निर्माताओं, व्यापारिक नेताओं और प्रभावशाली व्यक्तियों से अपील की कि वे मिलकर ऐसे कार्यस्थल बनाने की दिशा में काम करें जो मानव मूल्यों का सम्मान करें, मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और स्थायी व मानवीय प्रथाओं के माध्यम से उत्पादकता को बढ़ावा दें।
उल्लेखनीय है कि एलएंडटी के चेयरमैन ने कर्मचारियों से सप्ताह में 90 घंटे काम करने को कहा था, जिसकी चौतरफा तीखी आलोचना के बाद लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने चेयरमैन की टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि ‘असाधारण परिणामों के लिए असाधारण प्रयासों की आवश्यकता होती है।