नई दिल्ली। कंगना रनौत ने एक इवेंट में पार्टिसिपेट किया. यहां उन्होंने अपनी अपकमिंग फिल्म ‘इमरजेंसी’ के हो रहे विरोध और आलोचना पर बात की. यह फिल्म 6 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी लेकिन सीबीएफसी से सर्टिफिकेट नहीं मिल पाने की वजह से रिलीज नहीं हो सकी. हालांकि अब इसे सर्टिफिकेट मिल चुका है. लेकिन रिलीज डेट फाइनल नहीं हुआ है. इवेंट में कंगना ने हाल ही में रिलीज़ हुई वेब सीरीज “आईसी 184: द कंधार हाईजैक’ को लेकर हुए विवाद पर भी प्रतिक्रिया दी.
कंगना रनौत ने सेंसर बोर्ड को गैर जरूरी बताया. कंगना ने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म के लिए सेंसरशिप की जरूरत है. कंगना ने कहा, “सेंसर बोर्ड आज एक गैर जरूरी संस्थान है. मैंने पिछले संसद सत्र के दौरान भी इस मुद्दे को उठाया था. ओटीटी या यूट्यूब पर जिस तरह के कंटेंट दिखाए जा रहे हैं, हमें डर है कि कोई बच्चा इसे देख सकता है. यह बहुत चिंता का विषय है.”
सेंसर बोर्ड से होती है कंगना रनौत की बहस
कंगना रनौत ने आगे कहा, “हम सेंसर बोर्ड से बहुत बात-बहस करते हैं- ‘आपने यह ब्लड क्यों दिखाया’ और यह सब. मुझे लगता है कि हमें फिर से सोचने की जरूरत है. ओटीटी को पहले सेंसरशिप की जरूरत है.” कंगना ने आगे बताया कि उन्होंने संसद में भी ओटीटी मुद्दे पर सेंसरशिप का मुद्दा उठाया है, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है.
कंगना रनौत ने ओटीटी पर सेंसरशिप की बात कही
कंगना रनौत ने कहा, “अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. संसद में अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की जाती है. मुझे लगता है कि जितनी जल्दी ओटीटी पर सेंसरशिप लागू हो जाए, उतना ही बेहतर होगा.” बता दें कि ‘आईसी 814: द कंधार हाईजैक’ के रिलीज होने के बाद ऑडियंस का एक वर्ग निराश हो गया था. कई लोगों ने शो में हाईजैकर्स के हिंदू नाम दिखाए गए, जबकि वे मुस्लिम थे.