देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जोशीमठ में मकानों के ध्वस्तीकरण की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। अफवाहों पर ध्यान न दें। प्रभावितों के विस्थापन देश के लिए नजीर बनेगी। इस दिशा में सरकार कार्य करेगी। प्रभावित परिवारों को बाजार रेट पर मुआवजा दिया जायेगा। तात्कालिक तौर पर प्रति परिवार 1.50 लाख रुपये की अंतरिम सहायता दी जा रही है। प्रभावित परिवारों के लिए 45 करोड़ जारी की गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नगरपालिका क्षेत्र जोशीमठ के भू-स्खलन और भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावित परिवारों को बाजार रेट पर मुआवजा दिया जायेगा। तीन हजार प्रभावित परिवारों को कुल 45 करोड़ जारी की गई है। तात्कालिक तौर पर प्रति परिवार 1.50 लाख रुपये की अंतरिम सहायता दी जा रही है। प्रभावित क्षेत्र में भू-धंसाव के कारण प्रभावित भू-भवन स्वामियों/परिवारों को स्थाई अध्यासन विस्थापन नीति तैयार होने से पूर्व 01 लाख रुपये की अग्रिम धनराशि दी गई है। प्रभावित भू-भवन स्वामियों/ परिवारों को अपने भवन के सामान की ढुलाई एवं तात्कालिक आवश्यकताओं के लिए गैर समायोजन एकमुश्त विशेष ग्रान्ट के रूप में 50 हजार रुपये की धनराशि दी गई है। यह धनराशि उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्राधिकरण ने जारी की है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में कुल खर्चे का पूरा आकलन कर सहायता राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने जोशीमठ में आपदा प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए अपने एक माह का वेतन दिया है। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में जिन मकानों में दरारें आई हैं, उन मकानों को ध्वस्त करने की अफवाह फैलाई जा रही है। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दें। प्रभावित क्षेत्र में दरार वाले मकानों को ध्वस्त करने की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्र में दरार वाले मकानों को तब तक ध्वस्त न कराया जाय, जब तक अपरिहार्य न हो। मुख्यमंत्री जोशीमठ प्रभावित क्षेत्र की सभी व्यवस्थाओं की अधिकारियों से नियमित रिपोर्ट ले रहे हैं।
उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि जोशीमठ क्षेत्र में प्रभावित परिवारों से बातचीत कर उनकी हर समस्याओं का शीघ्रता से निदान किया जाय। सुरक्षा की दृष्टि से जिन परिवारों को अन्यत्र स्थानों पर शिफ्ट कराया जा रहा है उनको वहां सभी बेहतर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाये। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश देते हुए कहा कि प्रभावितों के विस्थापन के लिए उनके सुझावों के आधार पर इतनी बेहतर व्यवस्था की जाय कि यह पूरे देश के लिए नजीर बने।
जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्र में शासन के उच्चाधिकारी क्षेत्र में प्रभावितों से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम मौके पर प्रशासन के अधिकारियों के साथ सभी व्यवस्थाओं को देख रहे हैं। जोशीमठ के भू-स्खलन एवं भू- धंसाव प्रभावित क्षेत्र में भूगर्भीय तथा अन्य आवश्यक जांचें संबंधित संस्थाओं द्वारा की जा रही है। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की टीम भी मौके पर मौजूद है। (हि.स.)