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मप्र में सिंचाई का रकबा बढ़कर 45 लाख हेक्टेयर हुआ : मंत्री सिलावट

भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पहले सिंचाई का रकबा (irrigated area) 7 लाख हेक्टेयर हुआ करता था, जो अब बढ़कर 45 लाख हेक्टेयर (4.5 million hectares) हो गया है प्रदेश सरकार (state government) का लक्ष्य है कि 2025 तक प्रदेश का सिंचाई रकबा 65 लाख हेक्टेयर कर दिया जाए। इसके लिए नवीन सिंचाई परियोजनाओं (new irrigation projects) पर तेजी से काम किया जा रहा है।

यह बात प्रदेश के जल संसाधन एवं मछुआ कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट ने शनिवार को नीमच जिले के रामपुरा में बनने वाले सामुदायिक भवन का शिलान्यास कर मछुआ बंधुओं से संवाद करते हुए कही। इस मौके पर सांसद सुधीर गुप्ता, विधायकगण अनिरुद्ध मारू व देवी लाल धाकड़ सहित जन-प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

मंत्री सिलावट ने कहा कि मत्स्य उत्पादन में बालाघाट जिला देश में प्रथम स्थान पर है। गांधी सागर जलाशय में मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मांग और गुणवत्तापूर्ण कतला, रऊ, प्रजाति मत्स्य का बीज भी डाला जाएगा। उन्होंने कहा कि मछुआरों को नाव के लिए प्रदान किए जा रहे 12 हजार रुपये को बढ़ाकर 15 हजार रुपये किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि मछुआरों की मछली पकड़ने की मजदूरी बढ़ाने की मांग के प्रस्ताव को मत्स्य महासंघ की बैठक में रखा जाएगा। उन्होंने मछुआरों की विभिन्न मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने की बात भी कही।

सिलावट ने कहा कि मत्स्य महासंघ गांधी सागर रामपुरा के अनियमितता करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध जांच कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। जल संसाधन मंत्री ने गांधी सागर से मनासा क्षेत्र एवं नीमच जिले की सिंचाई योजना में छुटे हुए मनासा क्षेत्र की 10 ग्राम पंचायतों को शामिल करने की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि इसके लिए सर्वे का कार्य भी शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा और छूटे हुए गांव को भी गांधी सागर से सिंचाई की योजना में शामिल किया जाएगा। मंत्री सिलावट ने सांसद एवं विधायक के साथ रामपुरा में मत्स्य महासंघ के फिश कलेक्शन सेंटर का निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए।