Friday, September 20"खबर जो असर करे"

निवेश के लक्ष्य में अपनों की महत्वपूर्ण भूमिका

– गिरीश पांडेय

अपने तो अपने ही होते हैं। किसी को भी अपनों से ही सर्वाधिकअपेक्षा भी होती है। जरूरत पर तो और भी। पिछले करीब साढ़े पांच साल में उत्तर प्रदेश बदलाव के जिस सकारात्मक दौर से गुजर रहा है उसे और तेज करने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश की जरूरत होगी। इसके लिए अपने पहले कार्यकाल से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार प्रयासरत हैं। इन्वेस्टर्स समिट से लेकर देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई में रोड शो भी कर चुके हैं। प्रवासी उद्यमियों के एक सत्र में उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में बहुत कुछ बदला है। तरक्की ने गति पकड़ ली है। इन्वेस्टर्स समिट और दो आयोजनों के जरिये 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आना इसका सबूत है। तरक्की की ये गति वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान भी नही रुकी। इस दौरान करीब 45 हजार करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आया। यह प्रदेश की सरकार, उसकी नीतियों और कानून व्यवस्था पर लोगों के भरोसे का प्रमाण है।

उन्होंने यह भी कहा था, आप तो अपने हैं। बदले माहौल में उत्तर प्रदेश में आपका स्वागत है। आइए। अपनी कर्मठता और अनुभव का लाभ अपने प्रदेश और अपने लोगों को भी दीजिए। अब समय आ गया है, एक बार जरूर अपनी माटी से अपने रिश्ते को मजबूत करें। इसके पहले फरवरी 2018 में प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में आयोजित प्रवासी उद्यमियों के सत्र में भी उन्होंने ऐसी ही अपील की थी। स्वाभाविक है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के अपने प्रस्तवित दौरों के दौरान मुख्यमंत्री एवं सरकार के मंत्री भी अपने लोगों से ऐसी अपील एवं अपेक्षा करेंगे।

दुनियाभर के हर क्षेत्र के दिग्गज उद्यमियों को यूपी में निवेश का न्योता देने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत सरकार के दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के अलावा कई अन्य वरिष्ठ मंत्री एवं अफसर विदेश के दौरे पर जाएंगे। मुख्यमंत्री 18 से 23 जनवरी के दौरान लंदन, न्यूयॉर्क और सैनफ्रांसिस्को जा सकते हैं। बाकी जिन देशों के प्रमुख शहरों में मंत्रियों एवं अधिकारियों की टीम इसी साल दिसंबर में दौरा करेगी उनमें टोक्यो, फ्रैंकफर्ट, ब्रुसेल्स, स्टॉकहोम, मेक्सिको सिटी, ब्यूनसआयर्स, साओपालो, सिडनी, सिंगापुर, लंदन, न्यूयार्क, सैनफ्रांसिस्को और दावोस आदि शामिल हैं। अब तक के कार्यक्रम के मुताबिक अधिकांश दौरे दिसंबर में ही हो जाएंगे। इसके अलावा देश में भी पहले इन्वेस्टर्स समिट की तरह दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद में रोड शो के कार्यक्रम हैं।

जिन देशों और महानगरों में प्रदेश सरकार की ओर से रोड शो होने हैं, उनमें भी भारतीय एवं उत्तर प्रदेश मूल के बहुत से ऐसे लोग हैं जो अपनी मेहनत, लगन के बूते वहां के रसूखदार लोगों में शामिल हैं। स्वाभाविक है ऐसे अपने लोगों से अपेक्षा भी अधिक रहेगी।

जहां तक ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 की तैयारियों की बात है तो प्रदेश सरकार ने अब तक जिन 40 देशों को समिट में आने के लिए आमंत्रित किया है उनमें से 21 की सहमति मिल चुकी है। सिंगापुर, यूनाइटेड किंगडम, मॉरिशस, डेनमार्क और, नीदरलैंड जीआइएस-23 के पार्टनर हैं।

पिछले दिनों दिल्ली के सुषमा स्वराज प्रवासी भवन में कई देशों के राजदूतों/उच्चायुक्तों एवं निवेशकों की मौजूदगी में समिट के कर्टेन रेजर सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समझा चुके हैं कि आप क्यों उत्तर प्रदेश में निवेश करें। वजह, देश का सबसे लंबा नेटवर्क (लगभग 16 हजार किलोमीटर) उत्तर प्रदेश में है। यहां लखनऊ, वाराणसी एवं कुशीनगर तीन अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे हैं। अयोध्या एवं जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे निर्माणाधीन हैं। इनके बन जाने के बाद यह पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला पहला प्रदेश हो जाएगा। वाराणसी से लेकर हल्दिया तक देश का पहला जलमार्ग भी उत्तर प्रदेश में ही है। ईस्टर्न एवं वेस्टर्न कॉरिडोर का क्रमशः 57 एवं 8.5 हिस्सा यूपी में ही है। दोनों का जंक्शन दादरी में है। बंदरगाहों तक शीघ्र माल पहुचाने के लिए प्रदेश सरकार ड्राई पोर्ट्स का विकास कर रही है।

इस क्रम में दादरी में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब, बोड़ाकी में मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब, वाराणसी में 100 एकड़ में फ्रेट विलेज की स्थापना हो रही है। यमुना, लखनऊ-आगरा, पूर्वांचल एवं बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के अलावा गोरखपुर लिंक,एवं गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है। इन सबके बनने के बाद उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे के नेटवर्क के मामले में भी देश में नंबर एक हो जाएगा। यह संभावनाएं उत्तर प्रदेश को निवेश के लिहाज से सबसे पसंदीदा जगह बनाती हैं। तरक्की की पसंदीदा जगह जब अपनी जड़ों से जुड़ाव वाली हो तो कौन नहीं लौटना चाहेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भावनात्मक निवेश की पहल प्रवासियों के दिलों तक पहुंच रही है। समिट के पहले ही 10 लाख करोड़ लक्ष्य के सापेक्ष करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है। इस रुझान और उत्साह के मद्देजर कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री का विजन, इमोशन को जोड़कर यूपी को नंबर वन इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन बनाने में निश्चित ही कामयाबी के झंडे गाड़ेगा।

(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)