-देश में बीमा की पहुंच बढ़ाने के लिए कानून में बदलाव पर विचार कर रहा वित्त मंत्रालय
नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) देश में बीमा की पहुंच बढ़ाने और इसका लाभ सभी को मिले। इसके लिए बीमा कानूनों में बदलाव (changes in insurance laws) पर विचार कर रहा है। इनमें न्यूनतम पूंजी की जरूरत को कम करने का प्रस्ताव भी शामिल है। न्यूनतम पूंजी की जरूरत (Minimum capital requirement) कम करने पर बैंकिंग क्षेत्र (banking sector) की तरह कई कंपनियां बीमा कारोबार में उतर सकेंगी।
सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय बीमा कानून 1938 की व्यापक समीक्षा कर रहा है, ताकि इस क्षेत्र की वृद्धि के लिए कुछ उचित बदलाव किया जा सके। हालांकि, यह प्रक्रिया अभी शुरुआती चरण में है। वित्त मंत्रालय बीमा कारोबार शुरू करने के लिए न्यूनतम पूंजी की जरूरत को 100 करोड़ रुपये से कम करना चाहता है। न्यूनतम पूंजी की जरूरत कम करने पर बैंकिंग क्षेत्र की तरह कई कंपनियां बीमा कारोबार में उतर सकेंगी।
दरअसल इस प्रावधान को घटाने से सूक्ष्म बीमा, कृषि बीमा और क्षेत्रीय रुझान वाली बीमा कंपनियां भी बीमा कारोबार में उतर सकेंगी। इस क्षेत्र में नए खिलाड़ियों के प्रवेश से न केवल बीमा की पहुंच बढ़ेगी, बल्कि इससे रोजगार भी मिलेगा। देश में बीमा की पहुंच वित्त वर्ष 2019-20 के 3.76 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2020-21 में 4.20 फीसदी तक हो गई है। इस तरह ये 11.70 फीसदी की वृद्धि है। विशेष रूप से कोरोना महामारी के दौरान बीमा की पहुंच में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।
केंद्र सरकार ने पिछले साल बीमा कानून में संशोधन कर बीमा कंपनी में विदेशी हिस्सेदारी की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 फीसदी कर दिया था। इसके अलावा संसद ने साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकृत) संशोधन विधेयक 2021 को पारित किया है। इससे सरकार किसी बीमा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी घटाकर इक्विटी पूंजी के 51 फीसदी से नीचे ला सकती है। इससे बीमा कंपनियों के निजीकरण का रास्ता खुलेगा। (एजेंसी, हि.स.)