– 53 घंटे चला राहत एवं बचाव कार्य, फिर भी नहीं बच पाई ढाई वर्षीय सृष्टि की जान
भोपाल (Bhopal)। मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में स्थित ग्राम मुंगावली में 300 फीट गहरे बोरवेल में गिरी ढाई साल की मासूम बच्ची जिंदगी की जंग हार गई। बच्ची 150 फीट की गहराई पर फंसी थी। करीब 53 घंटे चलाए गए राहत एवं बचाव कार्य के बाद उसे बोरवेल से बाहर निकाला गया। रेस्क्यू टीम ने उसे रोबोटिक तकनीक से बाहर खींचा। बच्ची कोई रिस्पॉन्स नहीं कर रही थी। उसे एंबुलेंस से सीधे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया।
दरअसल, बीते मंगलवार दोपहर 1.00 बजे ग्राम मुंगावली निवासी राहुल कुशवाह की ढाई साल की पुत्री सृष्टि पास ही खेत में खेलते समय खुले बोरवेल के गड्ढे में गिर गई थी। इसकी सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। बोरवेल के अंदर पाइप के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाई गई। मौके पर एंबुलेंस सहित अन्य आवश्यक उपकरण की व्यवस्था की गई थी। प्रभारी कलेक्टर आशीष तिवारी, एसपी मयंक अवस्थी, डीआईजी मोनिका शुक्ला पूरे समय घटनास्थल पर मौजूद रहे। बच्ची को बाहर निकालने के लिए पुलिस, प्रशासन व एनडीआरएफ का अमला जुटा रहा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर सेना को भी बुला लिया गया था लेकिन बच्ची को बाहर निकालने में सफलता नहीं मिली।
गुरुवार को बच्ची को रोबोट से निकालने के लिए दिल्ली और अहमदाबाद से रोबोटिक टीम गांव पहुंची और सुबह 9 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। दोपहर बाद तेज हवा और बारिश होने से रेस्क्यू प्रभावित भी हुआ। रोबोटिक टीम ने शाम करीब साढ़े 5.00 बजे बच्ची को बाहर निकाला। उसे रॉड में हुक में फंसाकर बोरवेल से बाहर निकाला गया। यहां से बिना देर किए जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टर ने सृष्टि से दम घुटने की वजह से मौत की पुष्टि करते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। बच्ची की मौत की खबर सुनते ही माता-पिता सहित संबल देने आ रहे लोगों की सृष्टि के सुरक्षित निकलने की आस टूटने से माहौल गमगीन हो गया।
रोबोटिक टीम के प्रभारी महेश आर्य ने बताया कि रोबोट को बोरवेल में डाला था, उससे मिले फर्स्ट डेटा को स्कैन किया गया। इससे पता चला कि बच्ची की क्या हालत है और किस प्रकार से रेस्क्यू करना चाहिए। रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े एक अफसर ने बताया कि बच्ची 150 फीट गहराई में पानी में थी। उन्होंने बताया कि जब बच्ची को बाहर निकाला गया, तब वह बेहोश थी। वह किसी प्रकार से रिस्पॉन्स नहीं कर रही थी। हमने रोबोट के डेटा के साथ सेना, एनडीआरएफ की मदद से पूरा रेस्क्यू किया है। बच्ची के बाहर आते ही चिकित्सक ने बच्ची को लिया और एंबुलेंस में लेकर उसे अस्पताल लेकर रवाना हो गए।
बोर मालिक और बोर कर्ता पर केस
पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने बताया कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित हुई है। इस मामले में वैधानिक नियमों के अनुसार कार्रवाई की जा रही है। बोर मालिक और बोर कर्ता पर केस दर्ज किया गया है। धारा 181 और 308 आईपीएस के तहत एफआईआर दर्ज की है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद धारा 304 का इजाफा कर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।