इस पर खन्ना ने ट्वीट किया- ‘अमेरिका और भारत के संबंध 21वीं सदी को परिभाषित कर सकते हैं।’ खन्ना ने कहा कि प्रमुख अमेरिकी अखबार ने भारत के बढ़ते आत्मविश्वास और विरोधाभासों के बारे में काफी ‘खूबसूरती से लिखा है।’ सांसद ने कहा कि लेख का उपसंहार इस उम्मीद को रेखांकित करते हुए किया गया है कि महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू ने जिस बहुलवाद की कामना की थी वह अक्षुण्ण रहे।
उल्लेखनीय है 13 सितंबर 1976 को पेंसिलवेनिया के फिलाडेल्फिया में जन्मे रो का असल नाम रोहित खन्ना है। उनके माता-पिता पंजाब से अमेरिका जाकर बस गए थे। रो के पिता केमिकल इंजीनियर थे और आईआईटी से पासआउट रहे और फिर मिशिगन की यूनिवर्सिटी तक पहुंचे। उनकी मां स्कूल टीचर रही हैं। रो के नाना ने भारत की आजादी में बड़ी भूमिका अदा की और लाला लाजपत राय के साथ काम किया था। रो खन्ना ने 1998 में शिकागो यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में बैचलर डिग्री हासिल की है।
इस लेख में भारत के विदेशमंत्री एस. जयशंकर की टिप्पणी का जिक्र किया गया है जिसमें उन्होंने कहा कि विश्व व्यवस्था अभी भी बहुत कुछ पश्चिम की ओर झुकी हुई है। लेख में कहा गया कि रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से भारत ने रूसी आक्रमण की निंदा करने के अमेरिकी और यूरोपीय दबाव को संयुक्त राष्ट्र में खारिज कर दिया। (हि.स.)