-दो दिवसीय सी-20 सेवा सम्मेलन भोपाल में शुरू
भोपाल (Bhopal)। सेवा, परोपकार और स्वैच्छिकता की भावना के साथ विश्व में “वसुधैव कुटुंबकम” की भावना (The spirit of “Vasudhaiva Kutumbakam”) जागृत करने के उद्देश्य से जी 20 देशों (G20 countries) का दो दिवसीय सी-20 सिविल सेवा सम्मेलन (Two-day C-20 Civil Services Conference) शनिवार को भोपाल में शुरू हुआ। प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा (Om Prakash Sakhalecha) और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष डॉ विनय सहस्रबुद्धे (Dr. Vinay Sahasrabuddhe) ने सम्मेलन का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में खलीफा बिन जायेद अल नाहयन फाउण्डेशन के जनरल डायरेक्टर एचई मोहम्मद हाजी अल खूरी, विकास भारती के सचिव पद्मश्री अशोक भगत, सेवा इंटरनेशनल इण्डिया के ग्लोबल को-ऑर्डिनेटर श्याम परांडे, यूथ फॉर सेवा इण्डिया के किरन डीएम और आई.एस.आर.एन. के सीईओ और सेवा समिट के राष्ट्रीय समन्वयक संतोष गुप्ता भी उपस्थित रहे।
मंत्री सखलेचा ने कहा कि सेवा और समर्पण भारतीय संस्कृति का पर्याय है। सनातन संस्कृति में संयुक्त परिवार के केंद्र में सेवा भाव ही है। भारतीय परंपरा में कहा गया है “सेवा परमो धर्मः”। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना काल में सेवा को परम धर्म मानते हुए कोविड वैक्सीन को न सिर्फ भारत बल्कि विश्व के अनेक देशों को निःशुल्क उपलब्ध कराया। इसी सेवा भाव का पालन करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाडली लक्ष्मी योजना से लेकर लाडली बहना योजना की शुरुआत की। यह बेटियों और बहनों के सम्मान और समाज में समानता की योजना है। राज्य सरकार के व्यवस्था तंत्र और प्रशासन के मूल में सेवा भाव ही प्रमुख है। भारतीय परंपरा में केंद्रित सेवा भाव को यह सम्मेलन पूरे विश्व की चेतना में समाहित करेगा।
मध्यप्रदेश समाज सेवा में भारत की राजधानी : डॉ सहस्रबुद्धे
डॉ सहस्रबुद्धे ने कहा कि मध्यप्रदेश का सेवा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान है। इस वजह से मध्यप्रदेश समाज सेवा में भारत की राजधानी है। सेवा, समर्पण और स्वैच्छिकता मध्यप्रदेश के वासियों के अंतर मन में है। विश्व में अधिकारों को केंद्र में रखकर नीतियां बनाई जाती हैं, लेकिन भारत में सेवा को केंद्र में रखकर नीति निर्माण होता है। भारत में सेवा को कर्तव्य बोध से जोड़ा गया है। हर व्यक्ति एक-दूसरे की सेवा करना अपना कर्तव्य समझता है। इसी कर्तव्य बोध के साथ भारत ने कोरोना काल में वैक्सीन विकसित की और पूरे विश्व की सहायता की। रूस-यूक्रेन युद्ध में भी युद्ध शरणार्थियों ने भारतीय तिरंगे के नीचे शरण ली और दोनों ही देश की सेनाओं ने भारतीय तिरंगे का सम्मान किया। यह सम्मेलन हमें अपने अतीत में झांकने और जी-20 देशों की संस्कृति और परंपराओं को समझने का अवसर देगा।
कार्यक्रम में माता अमृतानंदमयी (अम्मा) का मानवता, सेवा धर्म, समानता और आध्यात्म पर केंद्रित संदेश और आदिगुरु शंकराचार्य पर आधारित फिल्म “जर्नी ऑफ वननेस” का प्रसारण किया गया। राष्ट्रीय समन्वयक संतोष गुप्ता ने सेवा सम्मेलन के उद्देश्यों और कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला।
सम्मेलन में विशेषज्ञों ने रखे अपने विचार
सम्मेलन के पहले दिन के प्रथम सत्र में भारतीय परिदृश्य में वैश्विक रूप से सेवा भाव पर विचार रखे गए। सत्र में सेवा के क्षेत्र में स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका और उनके सहयोग से समग्र विकास पर चर्चा हुई। खलीफा बिन जॉयेद अल नाहयन फाउण्डेशन के जनरल डायरेक्टर एचई मोहम्मद हाजी अल खूरी, प्लान इण्डिया के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर मोहम्मद आसिफ और जॉन स्नो इण्डिया के कंट्री डायरेक्टर और मैनेजिंग डायरेक्टर संजय कपूर ने विचार रखें। सत्र का संचालन यूथ ऑफ इण्डिया फाउण्डेशन के फाउण्डर शैलेश सिंघल ने किया।
दूसरे सत्र में विकास के लिए सेवा और कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) विषय पर शिवगंगा झाबुआ के फाउण्डर मेंबर राजाराम कटारा, विकास भारती के सचिव पद्मश्री अशोक भगत, सेवा इंटरनेशनल इण्डिया के ग्लोबल को-ऑर्डिनेटर श्याम परांडे ने अपने विचार रखें। सत्र का संचालन यूथ फॉर सेवा इण्डिया के किरन डीएम ने किया।
सम्मेलन में तीसरे सत्र में बेस्ट प्रेक्टिसेज ऑफ इण्डिपेंडेंट सेवा योगीज पर चर्चा हुई। इस सत्र में उन व्यक्तियों के कार्यों पर विचार रखे गए, जिनके प्रयासों से समाज में बदलाव आया है। पर्यावरणविद जगत किनखाबवाला, अश्विनी खुराना, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के नेशनल कन्वेनर गोपाल आर्य, गिव मीट ट्रीज के फाउण्डर स्वामी प्रेम परिवर्तन ने विचार रखें। कार्यक्रम का संचालन महर्षि आध्यात्म विश्वविद्यालय के सियान क्लार्क ने किया।
सम्मेलन के चौथे सत्र में महिलाओं की भागीदारी और संयुक्त प्रयास पर चर्चा हुई। इस सत्र में विवेकानंद केन्द्र कन्याकुमारी की वाइस प्रेसीडेंट पद्मश्री निवेदिता भिड़े, राइजिंग फ्लेम की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर और फाउण्डर निधि गोयल एवं भारतीय स्त्री शक्ति की वाइस प्रेसीडेंट नयना सहस्रबुद्धे ने विचार रखें। सत्र का संचालन सहगल फाउण्डेशन की ट्रस्टी और सीईओ अंजलि मखीजा ने किया। समिट अंतिम सत्र में सेवा के क्षेत्र में “वसुधैव कुटुम्बकम” की भावना के वैश्वीकरण पर वक्ताओं ने अपने विचार रखें। आईएसआरएन के सीईओ और सेवा समिट के नेशनल को-ऑर्डीनेटर संतोष गुप्ता और आईएसआरएन के एसोसिएट डायरेक्टर ने आशीष मंशारमानी विचार रखें। सत्र का संचालन संत ईश्वर फाउण्डेशन की नेशनल सेक्रेटरी वृंदा खन्ना ने किया।
रविवार को देशभर के 20-सेवा योगियों को किया जाएगा सम्मानित
सी-20 सिविल सेवा सम्मेलन का रविवार को समापन होगा। समापन सत्र में सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले देशभर के 20-सेवा योगियों को सम्मानित किया जायेगा। यह जानकारी शनिवार को जनसम्पर्क अधिकारी अनुराग उइके ने दी।
उन्होंने बताया कि समापन सत्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे और सी-20 शेरपा विजय के नांबियार सेवा योगियों को सम्मानित करेंगे। इसके साथ ही दूसरे दिन सेवा क्षेत्र के विभिन्न विषयों पर वक्ता अपने विचार देखेंगे।
दूसरे दिन की रूपरेखा
दूसरे दिन का पहला सत्र सुबह 9:30 बजे से शुरू होगा। सत्र में विकास की प्रक्रिया, सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने में सेवा के मार्गदर्शक सिद्धांतो पर चर्चा होगी। इसमें भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष अरुण मिश्रा और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीवीआर सुब्रमण्यम अपने विचार रखेंगे। सत्र का संचालन नीति आयोग के सीनियर कंसलटेंट आनंद शेखर करेंगे।
दूसरे सत्र में मध्यप्रदेश जन-अभियान परिषद के डायरेक्टर जनरल बीआर नायडू, मध्यप्रदेश राज्य नीति और योजना आयोग के उपाध्यक्ष और आरआईएस के डायरेक्टर जनरल प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी एवं समाजसेवी सुधांशु मित्तल विषय सेवा और सुशासन पर अपने विचार रखेंगे। सत्र का संचालन एसडीएम जावद (नीमच) शिवानी गर्ग करेंगी।
दूसरे दिन के अंतिम सत्र में सेवा के द्वारा सामाजिक विकास में आध्यात्मिक संगठनों की भूमिका पर वक्ता अपने विचार रखेंगे। सत्र में अक्षय पात्र फाउंडेशन के भारतरशभा दास, दिव्य प्रेम सेवा मिशन के फाउंडर आशीष गौतम और अर्श विद्या मंदिर के फाउंडर और हिंदू धर्म आचार्य सभा के सेक्रेटरी जनरल श्परमात्मा नंद सरस्वती अपने विचार रखेंगे। सत्र का संचालन गोवर्धन इकोविलेज के डायरेक्टर गौरंग दास करेंगे।