नई दिल्ली (New Delhi)। अर्थव्यवस्था के र्मोचे (economy front) पर अच्छी खबर है। वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल (Global rating agency S&P Global) ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 से लेकर 2025-26 तक भारत (India) के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) (gross domestic product (GDP)) में सालाना 6 से 7.1 फीसदी की वृद्धि (Growth 6 to 7.1 percent annually) होगी।
एसएंडपी ग्लोबल ने गुरुवार को जारी अपने अनुमान में कहा कि वित्त वर्ष 2024-2026 में देश की जीडीपी वृद्धि दर 6 से 7.1 फीसदी सालाना रह सकती है। एजेंसी ने कहा कि इस दौरान मध्यम अवधि में भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं मजबूत बनी रहेंगी।
एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि स्वस्थ कॉरपोरेट बही-खातों और अन्य संरचनात्मक सुधार होने से बैंकों का फंसा कर्ज मार्च, 2025 तक कुल अग्रिम के 3 से 3.5 फीसदी तक घट जाएगा। हालांकि, एसएंडपी ने भारत में ब्याज दरों में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना नहीं होने से बैंकिंग उद्योग के लिए जोखिम भी सीमित होने का अनुमान जताया है।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के साथ-साथ वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 6.5 फीसदी आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान लगाया है। भारतीय अर्थव्यवस्था मार्च, 2023 को समाप्त वित्त वर्ष 2022-23 में 7.2 फीसदी की दर से बढ़ी थी। वहीं, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7.8 फीसदी की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की है।