नई दिल्ली (New Delhi)। भारत और अमेरिका (India and America) आर्थिक संबंधों (enhance economic ties) को बढ़ाने के लिए क्या उचित कार्रवाई की जाए। इस संबंध में सीईओ फोरम की सिफारिशों (CEO Forum Recommendations) पर दोनों देश गौर करेंगे।
पीयूष गोयल (Piyush Goyal) और अमेरिकी वाणिज्य मंत्री (US Secretary of Commerce) ने यहां आयोजित भारत-अमेरिका सीईओ फोरम की बैठक की अध्यक्षता की। सीईओ फोरम की सह-अध्यक्षता टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन और लॉकहीड मार्टिन के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेम्स टैक्लेट ने की।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो ने यहां भारत-अमेरिका सीईओ फोरम की बैठक के बाद संयुक्त बयान जारी किया। संयुक्त बयान के मुताबिक दोनों सरकारें ‘भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक परिदृश्य और संबंधों को बढ़ाने को उचित कार्रवाई के लिए सीईओ फोरम की सिफारिशों की जांच करेंगी।
इससे पहले भारत और अमेरिका ने यहां आयोजित ‘वाणिज्यिक संवाद-2023’ के दौरान सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला तथा नवाचार साझेदारी पर एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर भी किए।
इसके बाद पीयूष गोयल ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि जीना रायमोंडो की यात्रा के दौरान अमेरिका और भारत के बीच वाणिज्यिक और द्विपक्षीय जुड़ाव पर बात हुई। वहीं, अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो ने कहा कि अमेरिका भारत को भरोसेमंद प्रौद्योगिकी साझेदार के रूप में देखता है और वह दोनों देशों के बीच प्रौद्योगिकी साझेदारी को बढ़ाना चाहता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने पिछले दो सालों में कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिनसे भारत व्यापार करने के लिए और भी आकर्षक स्थल बन गया है।
जीना रायमोंडो ने जनपथ में हैंडलूम हाट का दौरा भी किया। उन्होंने कहा कि मैं इससे बहुत प्रभावित हुई हूं। यह महिलाओं को सशक्त कर रहा है। महिलाएं जो उत्पाद बना रहीं है, वह पर्यावरण, अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है। मैं जितनी भी महिलाओं से मिली उनमें काफी प्रतिभा है। गौरतलब है कि जीना रायमोंडो यहां फोरम की बैठक और भारत-अमेरिका वाणिज्यिक संवाद में भाग लेने के लिए चार दिवसीय दौरे पर आईं थीं। उनके साथ अमेरिकी कंपनियों के 10 मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भी थे।
उल्लेखनीय है कि भारत-अमेरिका सीईओ फोरम की पिछली बैठक नवंबर 2022 में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आयोजित की गई थी। यह प्रमुख क्षेत्रीय विषयों पर संवाद और दोनों अर्थव्यवस्थाओं के पारस्परिक लाभ के लिए निकट सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एक मंच है। (एजेंसी, हि.स.)