नई दिल्ली (New Delhi)। विदेश मंत्री एस जयशंकर (Foreign Minister S Jaishankar) ने रविवार शाम कचहरी स्थित बनारस क्लब में विभिन्न सामाजिक संगठनों (Social organizations) की ओर से आयोजित कार्यक्रम ‘भारत राइज इन ग्लोबल डिप्लोमाी (India Rises in Global Diplomacy) कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम में वाराणसी सहित पूरे देश में आयोजित जी20 समिट का उल्लेख कर विदेश मंत्री ने कहा कि “जी-20 को हमने देश के करीब 60 शहरों में आयोजित किया लेकिन जी20 के देश बनारस में हुए हुए अपने स्वागत को लेकर खूब चर्चा करते हैं। बनारस में हुए कार्यक्रम का उनपर गहरा प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि दुनिया में आज अस्थिरता का माहौल चल रहा है। फिर भी भारत तेजी से विकास कर रहा है। आज रूस यूक्रेन युद्ध हो, मिडल ईस्ट में गाजा-इजराइल विवाद हो, साउथ चाइना सी से जुड़ा विवाद हो, हर तरफ अस्थिरता का माहौल बना हुआ है। इसके साथ ही आर्थिक तौर पर भी अस्थिरताएं बनी हुई है। आतंकवाद की चुनौती सालों दशकों से चल रहा है। कभी कम होता है तो कभी अधिक।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि महामारी के बाद कई देशों की अर्थव्यवस्था बिखर गई है। उनके यहां व्यापार आर्थिक गतिविधियां बंद हो गईं। दुनिया की स्थिति चिंताजनक है। पर अगर भारत की बात करें तो यहां कुछ अलग ही दिखाई देता है। आज हम दुनिया में बड़ी इकॉनमी की बात करें तो हमारा ग्रोथ रेट 07 प्रतिशत के साथ दुनिया में शीर्ष पर काबिज है। हमारे व्यापार में भी प्रगति हुई है। भारत सरकार ने अलग-अलग समय पर निर्णय लिया था। इसका प्रभाव दिख रहा है। उन्होंने कहा कि आज भारत में प्रतिदिन 28 किलोमीटर नेशनल हाईवेज का निर्माण हो रहा है। आज भारत में प्रतिदिन 14 किलोमीटर रेलवे ट्रैक बिछाए जा रहे हैं। आज भारत में प्रत्येक वर्ष 8 नए एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं। हर साल 2 शहरों में मेट्रो का विस्तार हो रहा है।
उन्होंने कहा कि 2014 के पहले देश के अंदर आत्मविश्वास की कमी थी लेकिन आज हमारा देश आत्मविश्वास से भरा हुआ है। आज पूरी दुनिया हमसे रिश्ते जोड़ना चाहती है। आज अमेरिका से हमारे रिश्ते बेहतर हैं तो रूस भी हमारा मित्र है। यूक्रेन, ईरान और इजराइल आज सभी को हमारी जरूरत है। यूक्रेन में फंसे हुए लगभग 22500 भारतीय नागरिकों को ऑपरेशन गंगा के जरिए सुरक्षित वापस लाया गया। ये सब तभी मुमकिन हो पाया जब आपके द्वारा सही नेतृत्व का चयन किया गया।
कार्यक्रम में वैभव कपूर, अतुल सेठ,एम.पी.सिंह,रोहित कपूर, विवेक कपूर, अमित अग्रवाल,भाजपा क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी नवरतन राठी,शैलेंद्र मिश्रा आदि की मौजूदगी रही।
इसक पहले सनबीम वरुणा स्कूल में पूर्वांचल स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन एवं सनबीम शिक्षण समूह की ओर से आयोजित कार्यक्रम ‘‘शिक्षा के साथ सशक्तीकरण, बेहतर कल के लिए शिक्षण’कार्यक्रम में विदेश मंत्री ने छात्रों के सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हमें भारत को समावेशी भारत बनाने की तरफ बढ़ना है। एक तरफ हमें आधुनिकता की दौड़ में आगे रहते हुए ड्रोन, बुलेट ट्रेन और स्पेस के लिए काम करना है तो दूसरी तरफ हमें मुफ्त ईलाज,मुफ्त राशन,सड़के और बिजली,पानी जैसी बुनियादी जरूरतों को भी पूरा करना है। उन्होंने कहा कि हमें हर स्तर पर देश को आगे लेकर जाना है। यदि काशी की बात की जाए तो पिछले दस वर्षों में काशी का अभूतपूर्व विकास हुआ और रोजगार के नए अवसर का जन्म हुआ। मोदी सरकार में काशी का बदला स्वरूप, आज पूरी दुनिया काशी देखने को लालायित हो रही है।
उन्होंने कहा कि हम दुनिया की सबसे प्राचीन संस्कृति हैं। इसलिए हमें अपनी पहचान को बरकरार रखना है। हमें अपनी छवि को भूलना नहीं है लेकिन इसके साथ ही हमें आधुनिकता की दौड़ भी दौड़नी है और सबसे आगे भी रहना है। एक दौर था जब आयुर्वेद और योग की महत्ता को हम भूल गए थे लेकिन कोरोना महामारी के दौरान इनकी महत्ता को पूरी दुनिया में नई पहचान मिली।
विदेश मंत्री ने कहा कि आज काशी समेत देश में विकास कार्यों को तीव्र गति मिल रही है तो इसके पीछे ईमानदार सोच और डिजिटल क्रांति है। डिजिटल युग के कारण हम लाभार्थियों की पहचान कर पा रहे हैं अन्यथा एक दौर ऐसा भी था कि जब दिल्ली से एक रुपया चलता था तो लाभार्थी तक मात्र 15 पैसे ही पहुंचते थे। जबकि आज पूरा का पूरा एक रुपया सीधे लाभार्थी के बैंक खातों में जाता है।
हमें एक बहुत मजबूत सरकार की जरूरतः छात्रा मान्या श्रीवास्तव ने प्रश्न किया कि पिछले दशक में देखते हैं कि हम अंतरराष्ट्रीय समुदायों के साथ अपने व्यवहार में अधिक सक्रिय हुए हैं और पश्चिम सहित दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ अपने संबंधों में बदलाव आया है। आप इसे कैसे देखते हैं। जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि चुनौतियां काफी हद तक हैं लेकिन मौका कहां है अवसर कहां है हम उस ओर देखते हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में युद्ध चल रहा है। गाजा में लड़ाई चल रही है। दक्षिण चीन सागर और यहां तक कि चीन के साथ हमारी अपनी सीमा पर भी समस्याएं हैं। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में आतंकवाद है। दुनिया के देशों में बड़ी वित्तीय समस्याएँ हैं। कर्ज की समस्या है, व्यापार वापसी की समस्या है। कोविड भी है। इसलिए मैं कहूंगा कि तत्काल भविष्य में, अगले तीन से पांच वर्षों में, मुझे बहुत गड़बड़ी दिखाई देती है। इसलिए हमें एक बहुत मजबूत सरकार की जरूरत है। एक ऐसा व्यक्ति जिसके पास अनुभव है, विवेक है, जो भारत को इसके पार ले जाने में सक्षम हो और ये हमारा सौभाग्य है कि इन चुनौतियों से लड़ने के लिए हमारे पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसा सशक्त नेतृत्व मौजूद है।