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भारत को एआई के लिए बुनियादी मॉडल बनाना चाहिए, लेकिन निवेश असली बाधा: नडेला

नई दिल्ली)। सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सत्य नडेला ने बुधवार को कहा कि भारत को कृत्रिम मेधा (एआई) के क्षेत्र में अग्रणी कार्य करना चाहिए और आधारभूत मॉडल तैयार करना चाहिए। हालांकि, नडेला ने कहा कि निवेश एक वास्तविक बाधा है, केवल एक गणितीय सफलता इसे पूरी तरह बदल सकती है।

नई दिल्‍ली में माइक्रोसॉफ्ट इंडिया एआई टूर के दूसरे दिन नडेला ने कहा कि भारत भारतीय भाषाओं के क्षेत्र में और एआई का उपयोग करके अपने उद्योगों में बदलाव लाने में बड़ा काम कर सकता है। सीईओ नडेला ने आज भारत सरकार और भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख सेक्टर्स की अग्रणी कंपनियों के साथ क्लाउड और एआई आधारित रणनीतिक साझेदारियों की घोषणा की। इस कार्यक्रम में माइक्रोसॉफ्ट ने रेलटेल, अपोलो हॉस्पिटल्स, बजाज फिनसर्व, महिंद्रा ग्रुप और अपग्रेड के साथ रणनीतिक साझेदारी करने की घोषणा की, ताकि उनकी टीमों और ग्राहकों को क्लाउड और एआई इनोवेशन का लाभ मिल सके।

माइक्रोसॉफ्ट डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन की इकाई इंडिया एआई के साथ अपने समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत साल 2026 तक 5,00,000 लोगों को कौशल प्रशिक्षण देगा। इसके साथ ही देशभर में समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए एआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और एआई प्रोडक्टिविटी लैब्स की स्थापना करेगा।

उल्‍लेखनीय है कि नडेला ने एक दिन पहले भारत में अगले दो साल में क्लाउड एवं एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर में 3 अरब डॉलर की निवेश करने की घोषणा की थी। इसके तहत नए डाटा सेंटर्स की स्थापना की जानी है। इसके तहत आज घोषित की गई रणनीतिक साझेदारियां इस दिशा में अहम कदम हैं।

नडेला ने 6 जनवरी को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी। इस दौरान तकनीक, नवाचार और एआई के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई थी।