बैतूल। 15 वर्षीय अवयस्क बालिका के साथ सामूहिक बलात्कार करने वाले आरोपीगण को आजीवन कारावास (जो की शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए होगा) एवं कुल 8,000/-रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया गया। अनन्य विशेष न्यायाधीश, (पॉक्सो एक्ट) बैतूल ने थाना मुलताई क्षेत्र के अंतर्गत अवयस्क बालिका के साथ सामूहिक बलात्कार करने वाले आरोपीगण को दोषी पाते हुए निम्नानुसार दण्डित किया गया। आरोपी दीपक उर्फ दीपू पिता रामजी सरोदे, (23) को धारा 376डी भादवि में आजीवन कारावास एवं 2,000 रू. के अर्थदण्ड, धारा 363 भादवि में 04 वर्ष कठोर कारावास एवं 1,000 रू. अर्थदण्ड, धारा 366(क) भादवि में 05 वर्ष कठोर कारावास एवं 1,000 रू. अर्थदण्ड एवं आरोपी आशीष उर्फ ट्विंकल पिता शंकर कौशिक, (19) 376डी भादवि में आजीवन कारावास एवं 2,000 रू. के अर्थदण्ड एवं पंकज उर्फ छोटू पिता मुन्नु मालवीय, (25) को 376डी भादवि में आजीवन कारावास एवं 2,000रू. के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। सभी आरोपीगण थाना- मुलताई जिला बैतूल के निवासी है। प्रकरण में म.प्र. शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी/ विशेष लोक अभियोजक एसपी वर्मा, विशेष लोक अभियोजक (एससी/ एसटी एक्ट) शशिकांत नागले एवं अनन्य विशेष लोक अभियोजक ओमप्रकाश सूर्यवंशी के द्वारा पैरवी की गयी।
झांसा देकर किया था गैंगरेप
घटना का संक्षिप्त विवरण यह है कि पीडि़ता ने 19 दिसम्बर 2018 को थाना मुलताई में मौखिक रिपोर्ट दर्ज कराई कि करीब 07:00 से 08:00 बजे जब वह घर के बार कंघी कर रही थी, पीडिता को घर के बाहर अकेली पाकर आरोपी दीपू उसके पास आया और कहने लगा कि चल तुझे अपनी मम्मी से मिलवा देता हूं तथा शादी की बात करा देता हुं। उसके मना करने पर भी आरोपी ने पीडि़ता को बहला-फुसलाकर उसकी मोटरसायकल पर बिठा लिया और उसे गांव के आगे पेट्रोल पंप के पीछे बंगले में ले गया और बताया कि ये बंगला उसका है, उस बंगले में कोई नहीं था, ताला बंद था, आरोपी पीडिता को घर के अंदर ले गया और पीडि़ता के चीखने-चिल्लाने तथा मना करने के बाद भी आरोपी ने पीडि़ता के साथ जबरदस्ती गलत काम (बलात्कार) किया। उसके बाद आरोपी ने उसके दोस्तों को फोन करके बुलाया तथा अन्य दो आरोपियों द्वारा भी पीडि़ता के साथ बारी-बारी से बलात्कार किया।
कलेक्टर-एसपी ने की थी मानीटरिंग
फरियादी(पीडि़ता) की शिकायत पर थाना मुलताई में आरोपीगण के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी, जिसके उपरांत आवष्यक अनुसंधान के पश्चात आरोपीगण के विरूद्ध अभियोग पत्र तैयार कर अनन्य विशेष न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां विचारण में अभियोजन ने अपना मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया। प्रकरण को जघन्य एवं सनसनीखेज श्रेणी में शामिल किया गया था, प्रकरण के सतत मॉनिटिरंग जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक द्वारा की गयी थी। प्रकरण की विवेचना अनुविभागीय अधिकारी थाना मुलताई अनिल कुमार शुक्ला के द्वारा की गयी थी।