नई दिल्ली/वांशिगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) (International Monetary Fund (IMF)) ने भारत (India) के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान (economic growth forecast) को घटाकर 6.8 फीसदी (reduced to 6.8%) कर दिया है। आईएमएफ ने आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में कटौती के बावजूद कहा कि भारत सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
आईएमएफ ने मंगलवार को जारी ताजा विश्व आर्थिक आउटलुक में भारत के विकास दर के अनुमान को घटा दिया। आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर पूर्वानुमान 7.4 से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया। आईएमएफ ने लगातार दूसरी बार आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में कटौती की है। हालांकि, आईएमएफ का मानना है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.1 फीसदी की दर से बढ़ेगी।
आईएमएफ ने जारी बयान में कहा कि वैश्विक कारणों और सख्त मॉनिटरी पॉलिसी की वजह से भारत की आर्थिक विकास दर कम रह सकती है। इससे पहले आईएमएफ ने जुलाई में आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 8.2 फीसदी से घटाकर 7.4 फीसदी कर दिया था। इस तरह आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष के लिए जारी अपने अनुमान में 1.4 फीसदी की कटौती की है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के सदस्य संजीव सान्याल ने दो दिन पहले वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था सात फीसदी दर से की वृद्ध दर करने का अनुमान जताया था। वहीं, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी 7.2 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
2023 के लिए वैश्विक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 2.7 फीसदी किया
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने साल 2023 के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर के अनुमान को घटा दिया है। आईएमएफ ने मंगलवार को जारी ताजा विश्व आर्थिक आउटलुक में अगले साल वैश्विक वृद्धि दर महज 2.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। हालांकि, आईएमएफ ने इस साल के लिए वैश्विक वृद्धि दर के अनुमान को 3.2 फीसदी पर बरकरार रखा है।
आईएमएफ ने जारी बयान में कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट के पीछे रूस-यूक्रेन युद्ध, महंगाई का दबाव, बढ़ती ब्याज दर तथा वैश्विक महामारी का प्रभाव जारी रहना समेत अन्य कारण है। आईएमएफ ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले साल महज 2.7 फीसदी रहेगी, जबकि जुलाई में इसके 2.9 फीसदी रहने की संभावना जताई गई थी। हालांकि, आईएमएफ ने इस साल के लिए वैश्विक वृद्धि दर के अनुमान को 3.2 फीसदी पर बरकरार रखा है, जबकि पिछले साल वैश्विक वृद्धि दर छह फीसदी रही थी।
दरअसल मुद्रा कोष का यह अनुमान इस हफ्ते वाशिंगटन में आईएमएफ और विश्व बैंक की बैठक से पहले आया है। अपने ताजा अनुमान में आईएमएफ ने अमेरिकी के लिए इस साल आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 1.6 फीसदी कर दिया है, जबकि जुलाई में इसके 2.3 फीसदी रहने की संभावना जताई गई थी। वहीं, अगले साल अमेरिका की आर्थिक वृद्धि दर केवल एक फीसदी रहने का अनुमान है। इसके अलावा चीन की आर्थिक वृद्धि दर इस साल 3.2 फीसदी रहने की संभावना है, जबकि पिछले साल 8.1 फीसदी रही थी। वहीं, अगले साल चीन की वृद्धि दर थोड़ा बढ़कर 4.4 फीसदी रहने का अनुमान है। (एजेंसी, हि.स.)