Friday, September 20"खबर जो असर करे"

आईआईटी रुड़की ने अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए एनपीटीआई के साथ किया एमओयू

रुड़की। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रुड़की (आईआईटी रुड़की) और नेशनल पावर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एनपीटीआई) ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी के तहत आईआईटी रुड़की के ग्रेटर नोएडा एक्सटेंशन सेंटर (जीएनईसी) में हरित हाइड्रोजन के आपूर्ति श्रृंखला प्रबन्धन में अनुसंधान और कन्सलटेन्सी के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना की जाएगी।

समझौता ज्ञापन के तहत एनपीटीआई और आईआईटी रुड़की, आईआईटी रुड़की सहारनपुर (यूपी) कैम्पस में मध्यम आकार के पैलेट निर्माण प्लांट की स्थापना करेंगे, जहां अनुसंधान और प्रशिक्षण प्रोग्रामों का संचालन किया जाएगा। यह समझौता ज्ञापन हरित हाइड्रोजन की आपूर्ति श्रृंखला प्रबन्धन के लिए आर एण्ड डी और कन्सलटेन्सी के दायरे को भी विस्तारित करेगा। आईआईटी रुड़की की 175 सालगिरह के मौके पर की गई यह साझेदारी अकादमिक अनुसंधान सहयोग एवं विकास को बढ़ावा देगी। इससे प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के अनुसार युवाओं को नए दौर की नौकरियों के लिए तैयार कर उद्योग जगत की ज़रूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।

इस अवसर पर प्रोफेसर के.के. पंत, डायरेक्टर आईआईटी रुड़की ने कहा कि हमें खुशी है कि एनपीटीआई और आईआईटी रुड़की अनुसंधान और विकास के माध्यम से समाज पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करने के लिए कार्यरत है। इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से हम अपनी क्षमताओं एवं संसाधनों का लाभ उठाकर समाज कल्याण में योगदान देना चाहते हैं और खासतौर पर हरित हाइड्रोजन सहित विश्वस्तरीय चुनौतियों को हल करने के लिए प्रयासरत हैं। डॉ. तृप्ता ठाकुर, डीजी, एनपीटीआई ने कहा कि आईआईटी रुड़की के साथ हमारी साझेदारी हरित हाइड्रोजन में अनुसंधान और कन्सलटेन्सी की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को सशक्त बनाएगी, जो एनर्जी सेक्टर का भविष्य है। यह सेंटर पेशेवराें को प्रशिक्षण देकर उद्योग जगत की मांगों को पूरा करने में मदद करेगा।’

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह में एन.आर. हल्दर, डायरेक्टर ट्रेनिंग, एनपीटीआई, डॉ. महेन्द्र सिंह, डिप्टी डायरेक्टर- एनपीटीआई, श्री राहुल पाण्डेय, असिस्टेन्ट डायरेक्टर- एनपीटीआई और आईआईटी रुड़की के अन्य सदस्य जैसे प्रोफेसर यू पी सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी, डीन एसआरआईसी, प्रोफेसर वी.सी. श्रीवास्तव, डीन इंटरनेशनल रिलेशन्स, प्रोफेसर कौशिक घोष, प्रोफेसर आर बालासुब्रमण्यम, रवि चौहान और विशाल तिवारी मौजूद रहे।