कीव। यूक्रेन-रूस के बीच जारी युद्ध में करीब डेढ़ साल बाद भी दोनों तरफ से हमले जारी हैं। ताजा हमले में रूस ने बुधवार को यूक्रेन के बंदरगाह पर हमला कर उसे भारी नुकसान पहुंचाया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इसे आतंकी हमला बताया। यूक्रेन के साथ खाद्यान्न निर्यात समझौता रद्द करने के बाद रूस उसके निर्यात ढांचे को बर्बाद करने में लगा है।
रोमानिया सीमा के नजदीक यूक्रेन की डानुबे नदी के तट पर बने बंदरगाह पर रूस ने ड्रोन हमला कर उसे भारी नुकसान पहुंचाया। इस हमले में इजमेल बंदरगाह का भवन नष्ट हो गया और वहां से जहाजों में खाद्यान्न का लदान रुक गया है। हमले में बंदरगाह भवन के आसपास के भवनों को भी नुकसान हुआ है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि रूसी आतंकियों ने एक बार फिर से बंदरगाह, खाद्यान्न और वैश्विक खाद्य सुरक्षा को निशाना बनाया है। यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री ओलेक्जेंडर कुब्राकोव ने कहा है कि रूसी हमले से करीब 40 हजार टन खाद्यान्न का नुकसान हुआ है। यह खाद्यान्न अफ्रीकी देशों, चीन और इजरायल भेजा जाना था।
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए ने कहा है कि निशाना बनाया गया बंदरगाह और खाद्यान्न गोदाम विदेशी लड़ाकों के अड्डे थे। वहां पर हथियार रखे जाते थे और युद्धपोतों की मरम्मत का काम होता था।
बंदरगाह से खाद्यान्न का लदान बंद होने से नजदीक खड़े विदेशी मालवाहक जहाजों के आवागमन को लेकर अनिश्चितता पैदा हो गई है। इस अनिश्चितता के चलते विश्व बाजार में गेहूं के मूल्यों में पांच प्रतिशत तक की भारी बढ़ोतरी हो गई है।
इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तुर्किये के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन से टेलीफोन वार्ता में साफ कर दिया है कि काला सागर से यूक्रेनी जहाजों को गुजरने की अनुमति तब दी जाएगी जब रूस को भी खाद्यान्न और उर्वरक के निर्यात की समान रूप से सुविधा मिले। विदित हो कि यूक्रेन युद्ध के चलते अमेरिका, यूरोप और कई अन्य देशों ने रूस पर जहाजों के आवागमन को प्रतिबंधित कर रखा है।