पिता बोले- बेटी से कोई वास्ता नहीं, उसे वहीं मरने दो
भोपाल (Bhopal)। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) की रहने वाली अंजू थॉमस (Anju Thomas) ने पाकिस्तान (Pakistan) में अपने प्रेमी से शादी (marry lover) कर ली है। इससे पहले उसने धर्म बदलकर इस्लाम कबूल (converted to islam) कर लिया और अपना नाम फातिमा (name fatima) रख लिया। उसने सोशल मीडिया फ्रेंड नसरुल्लाह (social media friend nasrullah) से दीरबाला डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में निकाह किया। मंगलवार को उसने प्रेमी के साथ अपने प्री वेडिंग शूट के वीडियो भी शेयर किए। निकाह की खबर सुनकर उसके पिता गया प्रसाद थॉमस का बीपी बढ़ गया। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा कि अंजू से उनका कोई वास्ता नहीं है, वह मेरे लिए मर गई।
गौरतलब है कि ग्वालियर के टेकनपुर स्थित बौना गांव निवासी 35 वर्षीय अंजू अपने पति और दो बच्चों को छोड़कर 21 जुलाई को राजस्थान के भिवाड़ी से पाकिस्तान के दीरबाला पहुंची थी। उसके पाकिस्तान पहुंचते ही यह साफ हो गया था कि वह अपने प्रेमी नसरुल्लाह से शादी करने के लिए गई है। वह 30 दिन के वीजा पर पाकिस्तान गई थी, लेकिन उसने अपने परिवार से तीन-चार दिन में लौटकर आने की बात कही थी।
मंगलवार को जब अंजू के निकाह की बात सार्वजनिक हुई तो उसके पिता गया प्रसाद थॉमस की तबीयत बिगड़ गई। बीपी बढ़ने और सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के बाद डॉक्टरों ने उन्हें ऐहतियात बरतने की हिदायत दी। उन्होंने अपने पैतृक निवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अब मैं क्या कह सकता हूं। जिस लड़की को अपने बच्चों और पति का ख्याल नहीं आया, वह किसकी हो सकती है। जाना था तो तलाक लेकर जाती। अब उसके बच्चों का क्या होगा? जब उनसे पूछा गया कि क्या वे अपनी बेटी को वापस लाने के लिए कोई अपील करेंगे? तो उन्होंने कहा कि मुझे उससे कोई लेना-देना नहीं है। उसे वहीं मरने दिया जाए।
अंजू उर्फ फातिमा ने मंगलवार को अपने पाकिस्तानी प्रेमी के साथ सोशल मीडिया पर कई वीडियो शेयर किए हैं। इनमें वह पर्यटन स्थलों की सैर करती दिख रही है। उसने इस्लामिक लिबास पहन रखा है। अंजू ने निकाहनामा के शपथ-पत्र में लिखा कि वह अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म अपना रही है। उस पर किसी का दबाव नहीं है।
उसने शपथ पत्र में लिखा.. मैं शपथपूर्वक घोषणा करती हूं कि मेरा पूर्व नाम अंजू था और मैं ईसाई धर्म से हूं। मैंने बिना किसी दबाव के सहर्ष इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया है। इसमें किसी की ओर से कोई जोर-जबरदस्ती नहीं है। इसके लिए मैं अपने देश भारत से यहां पाकिस्तान आई हूं। मिन मुखलफ़ा (प्रार्थी) ने गवाहों के सामने, मुहम्मदन शरिया के अनुसार 10 तोला सोने सहित दहेज के बदले स्वेच्छा से सामी नसरुल्लाह से शादी की है। नसरुल्लाह मेरे कानूनी शौहर हैं। मिन मुखलफ़ा ने अपनी इच्छा और मंशा के अनुसार नसरुल्लाह से शादी कर ली है। यह मेरा कथन सत्य एवं सही है तथा मैंने इस संबंध में कुछ भी छिपाकर नहीं रखा है।
इस मामले में अधिवक्ता नितिन कुमार शर्मा का कहना है कि अंजू और नसरुल्लाह की शादी नाजायज है। जब तक आप एक शादी से तलाक नहीं लेते, आपको दूसरी शादी करने का अधिकार नहीं है। वह पाकिस्तान पहुंच गई है। नाम बदल लिया है, लेकिन अभी भी वह भारतीय नागरिक है और उस पर भारतीय कानून ही लागू होंगे। उसके परिवार वाले आईपीसी की धारा 494 के तहत कार्रवाई की मांग कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि ग्वालियर के टेकनपुर में बौना गांव के थापा मोहल्ला निवासी गया प्रसाद की पांच बेटियां और एक बेटा है। इनमें सबसे बड़ी बेटी अंजू है, जिसका जन्म 25 दिसंबर 1988 को ग्वालियर में हुआ था। शुरू से ही सनकी स्वभाव के चलते अंजू उत्तर प्रदेश के जालौन स्थित माधौगढ़ में अपने नाना-नानी के साथ रहती थी। करीब 17 साल पहले अंजू की शादी भिवाड़ी, अलवर राजस्थान निवासी अरविंद कुमार के साथ हुई थी। दोनों के एक 13 साल की बेटी व एक 5 साल का बेटा भी है। गत 21 जुलाई को वह अपने पति और दोनों बच्चों को छोड़कर अपने प्रेमी से मिलने के लिए पाकिस्तान चली गई थी।
भाई डेविड का कहना है कि अंजू ने कब वीजा बनवाया इसकी किसी को भनक तक नहीं लगने दी। अब हमारा उससे कोई रिश्ता नहीं।