Friday, November 22"खबर जो असर करे"

जीएसटी कानून को अपराध की श्रेणी से हटाने पर जीएसटी परिषद में होगा मंथन

-जीएसटी परिषद की 17 दिसंबर को आयोजित बैठक में कई मुद्दों पर होगा विचार

नई दिल्ली। जीएसटी परिषद (GST Council) 17 दिसंबर को होने वाली बैठक में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून (Goods and Services Tax (GST) Law) के तहत गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी (misdemeanor crime) से बाहर लाने पर चर्चा हो सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में इस बार यह बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी।

सूत्रों ने शनिवार को बताया कि जीएसटी परिषद की 17 दिसंबर को होने वाली 48वीं बैठक में जीएसटी कानून को अपराध की श्रेणी से बाहर लाने पर विचार हो सकता है। इस बैठक में अभियोजन चलाने की मौजूदा सीमा पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये करने पर विचार किया जाएगा। परिषद उन दंडनीय अपराधों को हटाने पर भी विचार कर सकती है, जो पहले ही जीएसटी अधिनियम से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत लाये गए हैं।

दरअसल, जीएसटी अधिकारियों की विधि समिति ने कानून को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के प्रयास के तहत जीएसटी अधिनियम की धारा 132 में बदलाव को अंतिम रूप दे दिया है। परिषद से जीएसटी कानून को गैर-अपराधिक श्रेणी में लाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद केंद्रीय जीएसटी अधिनियम में संशोधन को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है। संसद की मंजूरी के बाद राज्यों को अपने जीएसटी कानून में संशोधन करने की आवश्यकता होगी।

उल्लेखनीय है कि ऑनलाइन गेमिंग उद्योग ने भी सकल राजस्व पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने की मांग की है। ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी कर लगाने का प्रस्ताव है। स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम पर जीएसटी को मौजूदा 18 फीसदी से घटाने के लिए विभिन्न सुझाव प्राप्त हुए हैं। वित्त मंत्री की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में सभी राज्यों एवं केंद्र शसित प्रदेशों के वित्त मंत्री शामिल होंगे। (एजेंसी, हि.स.)