-सीबीडीटी ने 17 दिसंबर तक 2.28 लाख करोड़ रुपये का रिफंड किया जारी
नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था के र्मोचे (economy front) पर अच्छी खबर है। कोरोना महामारी के बाद देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है। चालू वित्त वर्ष में सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह (gross direct tax collection) अबतक 26 फीसदी (jumped 26 percent) उछलकर 13.63 लाख करोड़ रुपये (Rs 13.63 lakh crore) से ज्यादा हो गया है। पिछले वर्ष की इस अवधि के दौरान यह 10.83 लाख करोड़ रुपये (Rs 10.83 lakh crore) रहा था।
वित्त मंत्रालय ने रविवार को जारी एक बयान में बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 में सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह सालाना आधार पर 26 फीसदी बढ़कर 13,63,649 करोड़ (13.63 लाख करोड़) रुपये से अधिक रहा। इस बढ़ोतरी में स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और कॉरपोरेट अग्रिम कर संग्रह के बेहतर प्रदर्शन का विशेष योगदान रहा है।
मंत्रालय के मुताबिक आयकर विभाग के रिफंड समायोजन के बाद चालू वित्त वर्ष में अब तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 11.35 लाख करोड़ रुपये रहा। इसमें व्यक्तिगत और कॉरपोरेट कर शामिल हैं। यह केंद्रीय बजट में पूरे साल के लिए निर्धारित लक्ष्य का करीब 80 फीसदी है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह का बजट अनुमान 14.20 लाख करोड़ रुपये रखा गया है।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 17 दिसंबर, 2022 तक 2.28 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया है, जो एक साल पहले की तुलना में 68 फीसदी ज्यादा है। बयान के मुताबिक 13,63,649 करोड़ रुपये के सकल संग्रह में कॉरपोरेट कर 7.25 लाख करोड़ रुपये और व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) 6.35 लाख करोड़ रुपये शामिल है। कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह में अग्रिम कर संग्रह 5.21 लाख करोड़ रुपये, टीडीएस 6.44 लाख करोड़ रुपये और 1.40 लाख करोड़ रुपये का स्व-आकलन कर शामिल है। (एजेंसी, हि.स.)