Friday, September 20"खबर जो असर करे"

कुपोषण से निपटने पोषण को एक अभियान बनाने का सरकार ने लिया निर्णय

भोपाल । हम लोग गांवों से निकल कर आए हैं और गांवों में ही रहते हैं, ये बताने की जरूरत क्यों पड़ रही है… शहरों के आकर्षण के कारण लोग शहरों की तरफ भाग रहे हैं, लेकिन भारत मूल रूप से ग्रामीण केंद्रित है। यह बात गुरुवार को महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने मेनिट भोपाल में समृद्ध ग्रामीण मध्यप्रदेश की परिकल्पना मे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के सुसंगत विकास के लिए रणनीतियों हेतु आयोजित एक ‘क्षेत्रीय संगोष्ठी में कही। उन्‍होंने कहा कि कुपोषण से महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के मुद्दे से निपटने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध हैं… बाल और महिला कल्याण के लिए जिम्मेदार मैंने पोषण को एक अभियान के रूप में बनाने का निर्णय लिया है।

संगोष्ठी मे विशेष अतिथि के रूप मे मेगसेसे अवॉर्ड से सम्मानित राजेन्द्र सिंह “जलपुरुष” के साथ टीआर आई के नीरज द्वारा संवाद किया गया जिसमे राजेन्द्र सिंह द्वारा जल संवर्धन के क्षेत्र मे समुदाय की भागीदारी के महत्व पर विस्तृत चर्चा की तथा समुदाय की भागीदारी से किए कार्यों के अनुभव सुनाए, उन्होंने कहा की. 72% जल संरचना सूखे की आशंका वाले हैं। सिर्फ परिणाम पर आधारित जीवन और भूजल पर निर्भर जीवनशैली ने इसे बदतर बना दिया है।

आसमान से टपकने वाली प्रत्येक बूंद पर पौधों, मनुष्य ,जानवर और इस ग्रह पर रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का समान अधिकार है ,हम प्रकृति का सिर्फ दोहन ही नहीं कर रहे बल्कि अब हम प्रकृति का शोषण करने लगे है इसका दुरुपयोग रोकना होगा एवं स्थानीय लोगों की समझ और सामान्य ज्ञान और चेतना से समृद्ध है और उसी स्थानीय ज्ञान सहेजते हुए प्रकृति को बनाए रखने के लिए, प्रकृति का प्यार के साथ पोषण भी करना होगा । समुदायिक कार्य विकेन्द्रित स्तर पर करने की जरूरत है ,जल जीवन है, जीविका है और जमीन है… इस दर्शन और मूल को वापस लाने की जरूरत है।

वहीं के.के शुक्ला डायरेक्टर मेनिट ने बताया की देश को विकसित होने के लिए ग्रामीण भारत का विकसित होना भी अति आवश्यक है । तकनीकी हस्तक्षेप के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों का विकास महत्वपूर्ण है। हम छात्रों को ग्रामीण क्षेत्रों में समस्याओं की पहचान करने और उनके लिए तकनीकी समाधान खोजने के लिए प्रशिक्षित करने के लिए एक पाठ्यक्रम की योजना बना रहे हैं। ग्रामीण विकास के लिए टेक-सॉल्यूशन, ग्रामीण लोगों के समग्र विकास में मुख्य तकनीकी हस्तक्षेप की संभावनाओं को तलाशने के लिए मैनिट प्रतिबद्ध है, टेक्नोलॉजी इंटरवेंशन को लेकर एक कोर्स तैयार किया जा रहा है साथ ही मेनिट द्वारा जैविक और रसायन रहित खेती की दिशा मे भी प्रयास प्रारंभ कर दिए ।

प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आर. परशुराम ने कहा की योजनाओ के विकेन्द्रीकरण के लिए सर्वप्रथम पंचायतों के सचिवालय को सशक्त करना होगा ।

मंत्री ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज प्रहलाद पटेल ने कहा की आज वो समय आ गया है जब हमे सिर्फ लेने की ही नहीं बल्कि देने के बारे मे भी सोचना होगा ,हमे इस बात पर विचार करना होगा की हमारे प्राकृतिक संसाधन हमे कितनी दूर तक ले जा सकते हैं ,हम संसाधनों के नुकसान का आँकलन नहीं करते प्रत्येक व्यक्ति को अपनी कमाई का कुछ समाज को वापस करने के बारे मे भी विचार करना होगा । उन्होंने कहा की हमारी सामाजिक एवं सांस्कृतिक विरासतों के साथ ग्रामीण अर्थशास्त्र को भी समझना होगा और एक सोच के साथ आगे बढ़ना होगा। (हि.स.)