नई दिल्ली (New Delhi)। सरकार ने वैश्विक स्तर (global scale) पर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव (Fluctuations in crude oil prices) के बीच एक बार फिर विंडफॉल टैक्स में संशोधन (Amendment to Windfall Tax) किया है। घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल, डीजल और जेट फ्यूल पर विंडफॉल टैक्स में कटौती की गई है।
सरकार की मंगलवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 200 रुपये प्रति टन घटाकर 1900 रुपये प्रति टन कर दिया गया है, जो पहले 2100 रुपये प्रति टन था। विमान ईंधन (एटीएफ) पर भी एक रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई है, जो घटकर अब 3.5 रुपये प्रति लीटर हो गई है। इससे पहले यह ईंधन 4.5 रुपये प्रति लीटर था।
डीजल पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स में डेढ़ रुपये की कटौती की गई है, जो 6.5 रुपये प्रति लीटर से घटकर 5 रुपये प्रति लीटर हो गया है। पेट्रोल पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा। दरअसल पेट्रोल के निर्यात पर पहले भी किसी तरह का टैक्स नहीं लगता था। गौरतलब है कि सरकार ने 02 जनवरी को विंडफॉल टैक्स में इजाफा किया था।
उल्लेखनीय है कि सरकार हर 15 दिन पर विंडफॉल टैक्स की समीक्षा करती है। विंडफॉल टैक्स ऐसी कंपनियों पर लगाया जाता है जिन्हें कुछ खास परिस्थितियों के कारण त्वरित और बहुत ज्यादा लाभ मिल रहा हो। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमत जब 110 डॉलर प्रति बैरल के पार चली गई थी, तब तेल कंपनियों को बहुत फायदा हुआ था। इसी के मद्देनजर दुनिया के कई देशों ने अपने यहां तेल कंपनियों पर अतिरिक्त कर लगा दिया था। (एजेंसी, हि.स.)