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जी20 में अमीर देशों के प्रभाव से निपटने के सामूहिक प्रयासों पर देंगे जोर: वित्त मंत्री

सीतारमण ने कहा- जी20 में वैश्विक नीतियों के प्रभावों पर चर्चा भारत की प्राथमिकता

नई दिल्ली। भारत (India) विकसित अर्थव्यवस्थाओं (developed economies) के घटनाक्रमों के प्रभाव (स्पिलओवर) से निपटने और क्रिप्टो करेंसी (crypto currency) के वैश्विक स्तर पर विनियमन के लिए जी20 में सामूहिक प्रयासों (Collective efforts in the G20) पर जोर देगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने इंडिया काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशंस (आईसीआरआईईआर) के 14वें वार्षिक अंतरराष्ट्रीय जी-20 सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही।

वित्त मंत्री ने मंगलवार को यहा आईसीआरआईईआर के जी-20 सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हम अन्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ तुलना के लिहाज से बहुत सहज स्थिति में हैं। निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि हमारा वृहत आर्थिक आंकड़ों का आधार ठीक है। उन्होंने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं को हमेशा विकसित देशों की अर्थव्यवस्था में होने वाली घटनाओं के अनपेक्षित प्रभाव का सामना करना पड़ता है।

सीतारमण ने आगे कहा कि भारत द्वारा जी-20 की अध्यक्षता संभालने के बाद चर्चा वाले क्षेत्रों का भी जिक्र किया। इनमें बहुपक्षीय संस्थानों और खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा में सुधार समेत प्राथमिकता वाले आठ प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं। दरअसल भारत एक दिसंबर से इंडोनेशिया से जी-20 की अध्यक्षता संभालेगा, जो 20 विकसित और विकासशील देशों का समूह है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब हम विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाओं में अनपेक्षित ‘स्पिलओवर’ का भी सामना कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि ऐसी स्थिति जो एक जगह से शुरू होती है और उसका अप्रत्यक्ष प्रभाव कहीं और पड़ता है, उसे स्पिलओवर कहते है। (एजेंसी, हि.स.)