नई दिल्ली (New Delhi)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-20 वर्चुअल शिखर वार्ता के समापन संबोधन में कहा कि पश्चिम एशिया की चिंताजनक स्थिति के बारे में सदस्य देशों ने सात बिंदुओं पर अपनी सहमति कायम की है। इसमें आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस और मानवीय त्रासदी को समाप्त करने पर जोर दिया गया है। जी20 में अपनी अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित अंतिम प्रमुख कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि यह विश्व संस्था आतंकवाद और हिंसा की निंदा करती है।
ताजा घटना क्रम के संबंध में मोदी ने कहा कि मासूम और निर्दोष लोगों विशेषकर महिलाओं और बच्चों की मौत को कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। मोदी ने कहा कि तीसरा बिंदु यह है कि मानवीय सहायता कारगर और सुरक्षित ढंग से पहुंचाई जाए। उन्होंने कहा कि हम अस्थाई संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई के संबंध में हुए समझौते का स्वागत करते हैं।
प्रधानमंत्री ने पश्चिम एशिया की समस्या के स्थाई समाधान के सिलसिले में कहा कि हम दो देशों के अस्तित्व के जरिए स्थाई रूप से संघर्ष का समाधान देखते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा यह भी मत है कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की बहाली आवश्यक है। अंतिम और सातवें बिंदु के रूप में सहमति बनी की नीति और वार्ता ही राजनीतिक मुद्दों का समाधान करने का एकमात्र रास्ता है। इस संबंध में जी20 अपनी ओर से पूरा सहयोग करने के लिए तैयार है।
भारत की अध्यक्षता में गत सितंबर मास में हुए शिखर सम्मेलन के बाद जारी किए गए नई दिल्ली घोषणा पत्र का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें तय प्रतिबद्धताओं को आगे बढ़ाने के लिए सदस्य देशों ने संकल्प व्यक्त किया है। वर्चुअल शिखर वार्ता में वर्तमान विश्व घटनाक्रम पर नेताओं ने चर्चा की तथा उनके सामाजिक और आर्थिक प्रभावों पर विचार किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 की अध्यक्षता संभालने वाले ब्राजील के राष्ट्रपति को लूला डि सिल्वा को अपनी ओर से शुभकामनाएं दी। इस महीने के अंत में भारत ब्राजील को जी20 की विधिवत अध्यक्षता सौंपेगा। भारत ने पिछले वर्ष नवंबर में इंडोनेशिया से जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की थी।
वर्चुअल शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी संघ सहित जी20 के सदस्य देशों के नेताओं के साथ आमंत्रित देश के नेताओं ने भी अपने विचार रखे। रूस के राष्ट्रपति पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति सहित अनेक नेताओं ने सम्मेलन को संबोधित किया। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने स्वयं सम्मेलन में भाग नहीं लिया। मोदी ने कहा कि हम खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा और सतत विकास के साथ ही ग्लोबल साउथ देशों की समस्याओं के समाधान पर ध्यान केंद्रित रखेंगे।