लंदन। फॉर्मूला ई ने 10 फरवरी को होने वाले हैदराबाद ई-प्रिक्स राउंड 4 को रद्द करने के साथ सीजन 10 कैलेंडर के अपडेट की घोषणा की।
फॉर्मूला ई ने एक अधिकारिक बयान में कहा, “तेलंगाना सरकार के नियंत्रण में नगरपालिका प्रशासन और शहरी विकास विभाग (एमएयूडी) द्वारा 30 अक्टूबर 2023 को हस्ताक्षरित होस्ट सिटी समझौते को पूरा नहीं करने के फैसले के बाद हैदराबाद ई-प्रिक्स राउंड 4 को रद्द कर दिया गया है।”
बयान में आगे कहा गया, “फॉर्मूला ई ऑपरेशंस (एफईओ) के पास एमएयूडी को औपचारिक रूप से नोटिस देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि वह अनुबंध का उल्लंघन कर रहा है। एफईओ अपनी स्थिति पर विचार कर रहा है कि मेजबान शहर समझौते और लागू कानूनों के तहत वह क्या कदम उठा सकता है। इस संबंध में एफईओ के सभी अधिकार सुरक्षित हैं।”
हैदराबाद ई-प्रिक्स 2024 में भारत में एकमात्र आधिकारिक एफआईए विश्व चैम्पियनशिप कार्यक्रम होता और यह फॉर्मूला ई और तेलंगाना सरकार के बीच एक बहु-वर्षीय समझौते का हिस्सा था।
सीज़न 10 के लिए एबीबी एफआईए फॉर्मूला ई विश्व चैम्पियनशिप कैलेंडर पर पुष्टि किए गए अन्य मेजबान शहरों में टोक्यो, शंघाई, बर्लिन, मोनाको और लंदन शामिल हैं। सीज़न अगले शनिवार, 13 जनवरी को हैंकूक मेक्सिको सिटी ई-प्रिक्स के साथ शुरू होगा।
फॉर्मूला ई के सह-संस्थापक और मुख्य चैम्पियनशिप अधिकारी, अल्बर्टो लोंगो ने एक आधिकारिक बयान में कहा,”हम भारत में मोटरस्पोर्ट के विशाल प्रशंसकों के लिए बेहद निराश हैं। हम जानते हैं कि आधिकारिक मोटरस्पोर्ट विश्व चैम्पियनशिप दौड़ की मेजबानी करना हैदराबाद और पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित अवसर है। फेडरेशन ऑफ मोटर स्पोर्ट्स क्लब ऑफ इंडिया (एफएमएससीआई) के अध्यक्ष, अकबर इब्राहिम और उनकी टीम फॉर्मूला ई को हैदराबाद में वापस लाने में अविश्वसनीय रूप से सहायक रहे हैं। वे तेलंगाना सरकार के फैसले पर हमारी निराशा को साझा करते हैं।”
फॉर्मूला ई के सीईओ जेफ डोड्स ने कहा,”यह बेहद निराशाजनक है कि हम पिछले साल उद्घाटन दौड़ की सफलता को आगे नहीं बढ़ा सकते, जिसने क्षेत्र में लगभग 84 मिलियन अमेरिकी डॉलर का सकारात्मक आर्थिक प्रभाव डाला। हम अपने प्रमुख भारतीय साझेदारों, विशेषकर महिंद्रा और टाटा कम्युनिकेशंस के लिए भी निराश हैं। ऐसे बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लाभों को प्रदर्शित करने के लिए हैदराबाद में रेसिंग महत्वपूर्ण थी, जहां वाहन इंजनों से होने वाले प्रदूषण का सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण पर व्यापक प्रभाव पड़ता है।”