– बाजार को सपोर्ट करने के लिए डीआईआई ने की 21,682 करोड़ की लिवाली
नई दिल्ली। शुक्रवार यानी 10 जनवरी को खत्म हुए कारोबारी सप्ताह के दौरान विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) एक बार फिर शुद्ध बिकवाल (नेट सेलर) की भूमिका निभाते नजर आए। इस सप्ताह विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजार में 16,854.25 करोड़ रुपये की बिकवाली की। दूसरी ओर, बाजार को सपोर्ट देने के लिए घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) लगातार खरीदारी करते रहे। बाजार को सपोर्ट करने के लिए घरेलू संस्थागत निवेशकों ने इस सप्ताह कुल 21,682.76 करोड़ रुपये की खरीदारी की।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के प्रोविजनल डेटा के अनुसार सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन ही विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 12,352 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची, वहीं 10,097 करोड़ रुपये की इक्विटी की खरीदारी की। इस तरह खरीद बिक्री मिलाकर विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 2,255 करोड़ रुपये की नेट सेलिंग की। दूसरी ओर, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन 10,332 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, वहीं 14,294 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की। इस तरह घरेलू संस्थागत निवेशकों ने सिर्फ एक दिन के कारोबार में ही 3,962 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की।
मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक तीसरी तिमाही के नतीजे को लेकर बनी आशंका की वजह से मार्केट सेंटीमेंट्स लगातार निगेटिव बने हुए हैं, जिसकी वजह से बाजार पर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी का मानना है कि विशेष रूप से ब्रॉडर मार्केट में कंपनियों के हाई वैल्यूएशन की वजह से कंसोलिडेशन का दबाव बना है। इसके साथ ही वैश्विक बाजार में प्रतिकूल परिस्थितियां बन जाने की वजह से भी विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बिकवाली तेज कर दी है। इसके अलावा डॉलर इंडेक्स की मजबूती और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में तेजी आने के कारण भी निवेशकों की चाल में बदलाव आया है।
धामी का मानना है कि बाजार के लिए आईटी सेक्टर से उम्मीद की किरण नजर आ रही है। टीसीएस के शानदार रिजल्ट से उम्मीद बनी है कि आईटी सेक्टर के लिए तीसरी तिमाही के नतीजे सकारात्मक संकेत देने वाले होंगे। अगर आईटी सेक्टर से बाजार को ढंग से सपोर्ट मिला, तो बाजार पर छाए नेगेटिव सेंटीमेंट्स को हटाने में भी मदद मिलेगी।