खेरसॉन (Kherson)। दक्षिणी यूक्रेन (Southern Ukraine) में एक बांध के टूटने (dam break) के बाद बाढ़ (flood) प्रभावित इलाके में बुधवार को अधिकारियों ने पेयजल आपूर्ति (drinking water supply) की। जबकि इस दौरान 2,700 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
डनीपर नदी पर निर्मित बांध के एक दिन पहले टूटने के बाद इसके दोनों ओर स्थित रूसी और यूक्रेनी कब्जे वाले क्षेत्रों से 2,700 से अधिक लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर शरण ली है। हालांकि, इस आपदा के कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सके हैं।
काखोवका जलविद्युत बांध और जलाशय विश्व के सबसे बड़े बांधों में शामिल है और दक्षिणी यूक्रेन में पेयजल आपूर्ति तथा सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका एक हिस्सा खेरसॉन क्षेत्र में पड़ता है, जिस पर पिछले साल रूसी सेना ने कब्जा कर लिया था। यह नदी वहां दोनों युद्धरत पक्षों के नियंत्रण वाले क्षेत्रों के बीच एक विभाजक रेखा है। यह जलाशय क्रीमियाई प्रायद्वीप में जलापूर्ति के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस प्रायद्वीप को 2014 में रूस ने अपने भू-भाग में मिला लिया था।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने तत्काल जलापूर्ति कराने और जलाशय पर निर्भर बस्तियों के लिए दीर्घकालीन समाधान के लिए अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने आरोप लगाया कि रूसी कब्जे वाले इलाकों में मौजूद अधिकारियों ने आपात स्थिति पर पर्याप्त प्रतिक्रिया नहीं की।
रूसी अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने इलाके से 1,300 से कम लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। वहीं, यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्र से 1,700 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। दोनों इलाकों की आबादी क्रमश: 40,000 और 42,000 है।
यूक्रेन ने रूस पर बांध तोड़ने का आरोप लगाया है, जबकि रूस ने बांध टूटने के लिए यूक्रेन की गोलाबारी को जिम्मेदार ठहराया है। जेलेंस्की ने मॉस्को पर आरोप लगाया कि उसने जानबूझकर बांध को नष्ट किया है।