ग्वालियर। देवकार्य अमावस्या पर कंकणाकृति वर्ष 2023 का पहला सूर्य ग्रहण पड़ेगा। लेकिन यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए ग्रहण संबंधी धार्मिक कार्य दान पुण्य, जप, तप आदि करने की आवश्यकता नहीं होगी।
बालाजी धाम काली माता मंदिर के ज्योतिषाचार्य डॉ. सतीश सोनी के अनुसार इस माह 20 अप्रैल वैशाख कृष्ण पक्ष की देव कार्य अमावस्या अश्विनी नक्षत्र मेष राशि में ग्रीष्म ऋतु प्रारंभ के पहले दिन खग्रास सूर्य ग्रहण पड़ेगा। यह भारतीय समय अनुसार ग्रहण का स्पर्श प्रात: 8.07 पर तथा मोक्ष दिन में 11.27 पर होगा।
उन्होंने बताया कि सूर्य तथा गुरु मेष राशि में गोचर करते हुए सूर्य के उत्तरायण होते हुए यह ग्रहण दक्षिण पूर्व एशिया, पूर्वी इंडीज, फिलिपीन्स , ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंडोनेशिया में दिखाई देगा। भारत में दिखाई नहीं देने से ग्रहण संबंधी किसी भी प्रकार के सूतक, पातक दोष मान्य नहीं होंगे। यह वर्ष 2030 का पहला ग्रहण होगा। (हि.स.)